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राहुल गांधी 14 जनवरी से ही क्यों निकाल रहें है भारत न्याय यात्रा?, यह है वजह  

15 जनवरी से शुरू होने वाले राम मंदिर समारोह को काउंटर करने के लिए कांग्रेस इस तारीख को चुना है।

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राहुल गांधी 14 जनवरी से भारत न्याय यात्रा पर निकलने वाले हैं जो मणिपुर में शुरू होगी और मुंबई में समाप्त होगी। यह यात्रा 14 राज्यों से होकर 85 जिलों को कवर करेगी। जिसकी कुल दूरी 6200 किलोमीटर होगी। माना जा रहा है कि 15 जनवरी से शुरू होने वाले राम मंदिर समारोह को काउंटर करने के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी इस तारीख को चुना है।

भले अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगा। लेकिन यहां पहले ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। 15 जनवरी को रामलला के विग्रह (रामलला के बाल रूप मूर्ति) को स्थापित किया जाएगा। जबकि, 16 जनवरी को विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान शुरू होगा। जिसे प्राण प्रतिष्ठा का पहला कार्यक्रम कहा जाता है। वहीं 17 जनवरी को रामलला के विग्रह को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा। इसके बाद 18 जनवरी, 19 जनवरी को विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

वहीं 20 जनवरी को गर्भगृह को 81 कलशों द्वारा सरयू नदी के जल से धोने के बाद वास्तु की पूजा की जाएगी। तत्पश्चात 21 जनवरी को तीर्थों के 125 कलशों से रामलला को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी को दोपहर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। 

यानी सप्ताह भर पहले से ही अयोध्या में राम मंदिर का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। जिस देश विदेश की मीडिया का पूरा ध्यान रहेगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर राहुल गांधी भारत न्याय यात्रा की शुरुआत मणिपुर से करेंगे। जब देश पूरा राममय होगा तो  राहुल गांधी कुछ करेंगे, जिसे मीडिया का पूरा ध्यान उनकी ओर हो। एक तरह से राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए चैलेन्ज है।  

 ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि कांग्रेस ने मणिपुर से ही क्यों भारत न्याय यात्रा निकालने की योजना बनाई है। तो कहा जा रहा है कि मणिपुर में कई माह से चल रहे उथल पुथल के बीच इसका लाभ लेने की कोशिश में। इस दौरान राहुल गांधी मीडिया पर पर भी आरोप लगा सकते हैं कि कांग्रेस मणिपुर की समस्या उठा रही है और मीडिया राम मंदिर का कवरेज को रही है। जैसा की हाल ही में राहुल गांधी एक सभा के दौरान कहा था कि उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे मजदूरों को मीडिया कवरेज नहीं कर रही है क्रिकेट को फोकस किये हुए है।

दूसरा यह कि, मणिपुर में हिंसा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी नहीं गए थे, जिसको लेकर राहुल गांधी पीएम मोदी को घेर सकते हैं। तीसरी बात यह है कि कांग्रेस ने अपनी यात्रा का नाम “भारत न्याय यात्रा” 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान न्याय योजना को जोड़कर निकाल रही है। उस समय कांग्रेस ने चुनाव में इस योजना का जोरशोर से प्रचार किया था। इसके तहत लोगों को एक साल में 72000 हजार रुपये देने की योजना थी।  

कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से बीजेपी ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की। इस योजना को खूब प्रचारित किया गया। इसी बात को ध्यान में रखकर राहुल गांधी और कांग्रेस ने न्याय शब्द के साथ लोगों तक पहुंचाने की कोशिश है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में इस योजना की सत्ता में आने पर शुरू करने का वादा कर सकती है। 

हालांकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी। इस बार भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों से गुजरेगी से 14 जनवरी से शुरू होगी और 20 मार्च को समाप्त होगी। यह यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। 6200 किलोमीटर यात्रा के दौरान मणिपुर, असम, नागालैंड, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारंखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान राज्यों को कवर करेगी।  बताया जा रहा है कि इस दौरान सभी बस के साथ नेता पैदल यात्रा करेंगे।   

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