विधायकों की अयोग्यता पर कार्यवाही आज से, विधानसभा अध्यक्ष एक्शन मोड पर !

नार्वेकर ने 16 विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे को हल करने के लिए आज से कार्रवाई करने का फैसला किया है|कल बैठकें करने के बाद नार्वेकर आज ठाकरे और शिंदे गुट के 54 विधायकों को नोटिस भेजेंगे|

विधायकों की अयोग्यता पर कार्यवाही आज से, विधानसभा अध्यक्ष एक्शन मोड पर !

Action on disqualification of MLAs from today; Assembly Speaker on action mode!

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अब एक्शन मोड में हैं। नार्वेकर ने 16 विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे को हल करने के लिए आज से कार्रवाई करने का फैसला किया है|कल बैठकें करने के बाद नार्वेकर आज ठाकरे और शिंदे गुट के 54 विधायकों को नोटिस भेजेंगे|इन 54 विधायकों से सात दिन के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा जाएगा| नार्वेकर इन विधायकों की बात सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाएंगे। इसलिए सबकी निगाह नार्वेकर के फैसले पर आ गई है|

क्या इससे ठाकरे समूह मुश्किल में पड़ जाएगा? : विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आज से विधायकों की अयोग्यता को लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है| उसके लिए विधानसभा अध्यक्ष आज दोनों गुटों से राजनीतिक दल के गठन की मांग करने जा रहे हैं| राजनीतिक दल कौन है, इसकी जांच के लिए पार्टी के संविधान का अध्ययन किया जाएगा। इसी तरह ठाकरे और शिंदे गुट के 54 विधायकों को आज नोटिस जारी किया जाएगा|विधायकों को अगले सात दिनों में अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया जाएगा। लिहाजा सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष की सुनवाई पर टिकी हैं|

बढ़ेगी ठाकरे गुट की समस्या?:
कौन है राजनीतिक दल? इसे रोकने के लिए राहुल नार्वेकर दोनों गुटों की घटनाओं की जांच करने जा रहे हैं। इसलिए, यह भविष्यवाणी की जाती है कि ठाकरे समूह दुविधा में होगा। चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को एक पार्टी के रूप में मान्यता दी है। ठाकरे समूह एक पार्टी नहीं बल्कि एक समूह है। इसलिए अगर नार्वेकर चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक शिंदे समूह को एक राजनीतिक दल के रूप में मंजूरी देते हैं, तो ठाकरे समूह के लिए दुविधा की स्थिति पैदा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ठाकरे गुट के विधायक अयोग्य हो सकते हैं|

विकल्प क्या है?: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी पार्टी यह दावा नहीं कर सकती कि हम शिवसेना हैं. इसलिए जानकारों का कहना है कि अगर यही मुद्दा ठाकरे समूह राष्ट्रपति के सामने उठाए तो ठाकरे समूह को इससे राहत मिल सकती है| साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक विधायक दल राजनीतिक दल नहीं हो सकता है। इसके मुताबिक भरत गोगावले को डिप्टी के पद से हटा दिया गया है। इसलिए, अदालत ने जिस राजनीतिक दल को स्वीकार किया, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर इन 16 विधायकों की कार्यवाही में भी यही कसौटी लागू की जाए तो ठाकरे गुट को बड़ी राहत मिल सकती है।
 
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