संसद भंग करेगी मोदी सरकार? अमोल कोल्हे का बड़ा दावा !

इस सत्र में वास्तव में किन मुद्दों पर चर्चा होगी? कौन से बिल होंगे पास? इस पर फिलहाल बहस छिड़ गई है| इस सम्मेलन से पहले एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चर्चा हुई है और इस संबंध में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है|

संसद भंग करेगी मोदी सरकार? अमोल कोल्हे का बड़ा दावा !

Modi government will dissolve the parliament? Big claim of Amol Kolhe!

मोदी सरकार ने दिल्ली में संसद का विशेष सत्र बुलाया है तो वहीं महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का उत्साहपूर्ण माहौल है| इस सत्र में वास्तव में किन मुद्दों पर चर्चा होगी? कौन से बिल होंगे पास? इस पर फिलहाल बहस छिड़ गई है| इस सम्मेलन से पहले एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चर्चा हुई है और इस संबंध में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है| वहीं सत्र में इस पर भी चर्चा होने की उम्मीद है, लेकिन एनसीपी के लोकसभा सांसद अमोल कोल्हे ने बड़ा दावा किया है|

“क्या मोदी सरकार ‘यह’ करने की हिम्मत करेगी?”: अमोल कोल्हे ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक देश, एक चुनाव मुद्दे का विवरण देते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है। इस संबंध में उन्होंने ट्विटर पर भी जानकारी दी है| “ईवीएम के बारे में संदेह के साथ, एक देश, एक चुनाव ईवीएम होगा या मतपत्र? चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, तो क्या मोदी सरकार बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की हिम्मत दिखाएगी? यदि नहीं, तो क्या चुनाव की विश्वसनीयता कायम रहेगी?” ऐसे सवाल अमोल कोल्हे ने उठाए हैं|

‘विशेष सत्र में ही शुरू होगा नई संसद में कामकाज’: ‘पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है. लेकिन साथ ही दिल्ली के सूत्रों से दो बातें समझ में आई हैं|अमोल कोल्हे ने इस वीडियो में कहा, यह विशेष सत्र दो दिन पुराने भवन में और बाकी दिन नए संसद भवन में आयोजित किया जाएगा।

‘उस’ फोटो के लिए तैयार हैं?: इस बीच, अमोल कोल्हे ने इस वीडियो में एक चौंकाने वाला दावा किया है। अमोल कोल्हे ने इस वीडियो में दावा किया है कि मोदी सरकार इस विशेष सत्र में ही लोकसभा भंग करने की तैयारी में है| इसलिए देश में समय से पहले चुनाव होने की संभावना है|जब लोकसभा भंग हो जाती है, तो सभी सदस्यों की एक समूह तस्वीर ली जाती है। मिली जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप फोटो को लेने की तैयारी हो चुकी है| यानी ये विशेष सत्र 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र हो सकता है| लोकसभा भंग करने से मोदी सरकार को समय से पहले चुनाव का सामना करना पड़ सकता है|

एक और बात जो इसकी पुष्टि करती है वह है अधीर रंजन चौधरी का इस समिति का सदस्य बनने से इनकार करना| उन्होंने तर्क दिया कि यद्यपि समिति का गठन व्यवहार्यता की जांच करने के लिए किया गया था, लेकिन समिति की शर्तों से उद्देश्य प्राप्त करने का इरादा प्रतीत होता है। अमोल कोल्हे ने वीडियो में कहा, बेशक, मोदी सरकार ने एक देश एक चुनाव कराने का फैसला किया है।
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