बीएसपी के उठापटक का फायदा क्या यूपी में मिलेगा सीधे बीजेपी को?

बीएसपी के उठापटक का फायदा क्या यूपी में मिलेगा सीधे बीजेपी को?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में शह-मात का खेल शुरू हो गया है। एक ओर जहां बीजेपी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी हथियारों पर धार दे रही है और 300 सीटें जीतने का दावा कर रही है। बीजेपी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भगवा लहराने की तैयारी में है। इधर,प्रदेश की तीन पार्टियां समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश की सबसे प्रमुख और विपक्ष की भूमिका निभाने वाली समाजवादी पार्टी ने अपना कोई रोड मैप तैयार नहीं किया है। रही बात, बीएसपी की तो वह इस समय कांग्रेस की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रही है। बीएसपी से धीरे-धीरे पुराने नेता निकल रहे हैं या निकाले रहे हैं। कांग्रेस एक बार फिर साइकिल पर सवारी करने क़ी फ़िराक में है। तो क्या अखिलेश सिंह एक बार ‘यूपी के लड़के’ बनने के लिए तैयार हैं कहना मुश्किल होगा, जैसा उन्हें पिछला अनुभव है।

इस पर फिर कभी बातें करेंगे,फिलहाल तो बीएसपी के निकाले गए नेताओं चर्चा करते हैं। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के कद्दावर नेता लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इस तरह से बीएसपी से अब तक 11 नेता निकाले जा चुके हैं। इससे पहले भी असलम राइनी समेत 7 विधयकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। जो  प्रकार हैं असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली चैधरी (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर), वंदना सिंह-( सगड़ी-आजमगढ़), लालजी वर्मा (कटेहरी), रामअचल राजभर (अकबरपुर), रामवीर उपाध्याय (सादाबाद) और अनिल सिंह (उन्नाव) शामिल हैं। पार्टी की ओर से कहा गया है कि सभी 11 विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।

बागी विधायक असलम राइनी के मुताबिक अब बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय विधायकों की संख्या महज 4 रह गई है। असलम राइनी ने एक वीडियो जारी इस पूरी उठापटक के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया है। श्रावस्ती के विधायक असलम राइनी ने सभी सातों विधायकों के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। दलबदल कानून के डर से इन विधायकों ने तुरंत कोई पार्टी में षामिल नहीं हुए थे। अब सवाल ये उठता है कि इन 11 विधायकों का अगला ठिकाना क्या होगा। जिस तरह से बीएसपी नेताओं को बाहर रास्ता दिखाया जा रहा है, उससे तो लगता है कि बीएसपी पूरी तरह साफ हो जाएगी।

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