संसद का शीतकालीन सत्र: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, मतदाताओं में उत्सुकता!

'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई है| लेकिन इसे लागू होने में 2034 का समय लग सकता है!

संसद का शीतकालीन सत्र: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, मतदाताओं में उत्सुकता!

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देश भर में सभी चुनाव एक साथ कराने की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की महत्वाकांक्षी परियोजना वास्तव में कब लागू होगी? इसको लेकर सभी मतदाताओं में उत्सुकता है| हाल ही में लोकसभा चुनाव हुए हैं और नवनिर्वाचित संसद का पहला शीतकालीन सत्र भी शुरू हो गया है|

इसी सत्र के दौरान केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है|अब सरकार को इस बिल को संसद के दोनों सदनों में मंजूरी दिलाने की जिम्मेदारी निभानी होगी|हालांकि, इस सारी प्रक्रिया और इसमें लगने वाले समय को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस योजना को मूर्त रूप लेने में अभी 10 साल और लग सकते हैं।

इस बात की जोरदार चर्चा है कि अगले चुनाव यानी 2029 के लोकसभा चुनाव में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू किया जाएगा, लेकिन समय की गणना से पता चलता है कि इस सारी प्रक्रिया को अगले पांच वर्षों में पूरा करना और इस संबंध में विधेयक के प्रावधानों के अनुसार इसे लागू करना मुश्किल है। 

संसद की मंजूरी के बाद भी आएगा साल 2034!: कैबिनेट द्वारा मंजूर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल अगर बिना किसी बदलाव के संसद के दोनों सदनों से पास हो जाता है तो यह 2029 नहीं बल्कि 2034 होगा। केंद्र के सूत्रों के अनुसार, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव।

प्रावधानों की बाधाएं, प्रसंस्करण के लिए समय: पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में अधिनियम में कुछ प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है।

तदनुसार, अनुच्छेद 82ए(1) के अनुसार, राष्ट्रपति लोकसभा चुनाव के बाद पहले सत्र के पहले दिन की शुरुआत में जनप्रतिनिधियों की ‘नियुक्त तिथि’ की घोषणा करेंगे।इसके अलावा, अनुच्छेद 82ए (2) के अनुसार, इस तिथि के बाद निर्वाचित विधान सभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव के साथ छोटा कर दिया जाएगा।

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