अब काशी और मथुरा की बारी: जगद्गुरु रामभद्राचार्य

 ज्ञानवापी का मामला भी अयोध्या जैसा ही, आरएन सिंह परिवार को आशीर्वाद देने आए मुंबई

अब काशी और मथुरा की बारी: जगद्गुरु रामभद्राचार्य

श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का कहना है कि पहले अयोध्या लिया। अब काशी और मथुरा की बारी है। वे उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष और भाजपा विधायक रहे स्व.आरएन सिंह के परिवार को आशीर्वाद देने मुंबई पहुंचे थे।

पवई हीरानंदानी स्थित रिचमंड परिसर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि हम वर्णानुक्रम के अनुसार चल रहे हैं। पहले अयोध्या लिया, अब काशी और मथुरा भी लेंगे। वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण पर उन्होंने कहा कि यह भी अयोध्या जैसा ही मामला है। अयोध्या में राम जन्मभूमि होने के अदालत में हमने 440 साक्ष्य पेश किए थे। उन्होंने कहा कि जब हम पढ़ते थे, तब कहा जाता था कि काशी ज्ञानवापी का जो कुआं है, उसकी एक बूंद पी लेने से व्यक्ति विश्व का सबसे बड़ा विद्धान बन जाता है। हमने भी उसका जल पीया है। वहां 12 फुट 4 इंच का जो शिवलिंग मिला है, वह कोई फव्वारा नहीं है।

हिंदुओं को मिला स्वाभिमान: केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि पहले हिंदुओं का स्वाभिमान मिला। फिर महंगाई भी नियंत्रण में आ जाएगी। हम सभी रामलला के दर्शन के लिए तरसते थे, हमें रामलला का मंदिर मिल गया। इस दौरान रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए।

आरएन सिंह से विशेष लगाव: जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि आरएन सिंह से उनका विशेष लगाव था, इसी वजह से मुंबई आया हूं। जगद्गुरु ने कहा कि वर्ष 1974 में उनकी आरएन सिंह से पहली बार मुलाकात हुई थी। आरएन सिंह की परंपरा को उनके बेटे संतोष आरएन सिंह आगे बढ़ाएंगे।

गुरुजी के आभारी हैं: संतोष आरएन सिंह: संतोष आरएन सिंह ने कहा कि मेरे पिता स्वर्गीय आरएन सिंह और गुरुजी के बहुत अच्छे संबंध थे। उनका आग्रह घर आकर आशीर्वाद देने का था। वे पिताजी की फोटो को छूकर भावुक हो गए। हम गुरुजी के आभारी हैं। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लेने वालों में भाजपा विधायक राजहंस सिंह, मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह, भाजपा नेता आरयू सिंह, आरडी यादव, उदय प्रताप सिंह, देवेंद्र तिवारी, रमेश सिंह, अजय सिंह, नितेश राजहंस सिंह, उत्तर भारतीय मोर्चा के युवा अध्यक्ष संजय सिंह, एडवोकेट आरपी पांडे, ज्ञानप्रकाश सिंह, ओमप्रकाश सिंह, एडवोकेट दिनेश मिश्रा, अनिल गलगली, श्रीनिवास तिवारी, प्रकाश मौर्य, चंद्रेश दुबे, शिवशंकर सिंह आदि मौजूद थे।

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