सावन के दूसरे सोमवार को बन रहा शुभ संयोग, ऐसे करें पूजा, बिगड़ा काम बनेगा

सावन के दूसरे सोमवार को बन रहा शुभ संयोग, ऐसे करें पूजा, बिगड़ा काम बनेगा

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सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को आएगा। और 2 अगस्त को ही श्रावण मास की नवमी तिथि रहेगी। हिन्दू धर्म में नवमी की तिथि का विशेष महत्व होता है। नवमी तिथि का संबंध भगवान राम से है। भगवान राम का जन्म इसी तिथि में हुआ था। इसके साथ ही इस तिथि में मां सिद्धिदात्री देवी का पूजन किया जाता है। सावन का दूसरा सोमवार नवमी की तिथि पर पड़ रहा है। इसीलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि, नवमी तिथि में पूजा और शुभ कार्यों का फल अक्षय होता है।

वहीं इस दिन चावल के चार दाने अपने घर से ले जाकर आपको शिवलिंग पर अर्पित कर देना है। ध्यान रखें कि चावल के चार दाने साफ-सुथरे और जोकि खंडित ना हो अर्थात टूटे हुए ना हों और पूजा करने के बाद उन चावलों के दानों को उठाकर अपने घर ले आएं। तथा एक नए लाल वस्त्र में बांधकर आप अपनी तिजोरी आदि में रख दें और मन ही मन भोलेनाथ से जो भी आपकी मनोकामना हो उसे पूरी करने की प्रार्थना करें। भगवान भोलेनाथ बहुत ही भोले हैं, वे अवश्य ही आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
सावन के दूसरे सोमवार को कर्तिका नक्षत्र है, इस नक्षत्र को 27 नक्षत्रों में तीसरा नक्षत्र माना जाता है और इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य और राशि के अनुसार शुक्र है। दो अगस्त को सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग बना रहे हैं। वहीं शुक्र सिंह राशि में मंगल के साथ युति बना रहे हैं। तो इसीलिए इस नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य बहुत ही फलदायी होता है और बहुत ही सुखदायी होता है।
वहीं सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव का गंगाजल के साथ अभिषेक करें। इस दिन भगवान शिव को चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, मदार आदि के साथ फूल भी चढ़ाने चाहिए। घी और शक्कर तथा गेंहू के आटे से बने प्रसाद से भगवान का भोग लगाएं और धूप-दीप, नैवेद्य के साथ भगवान भोलेनाथ की आरती करें और मन ही मन आपकी जो भी कामना हो उसे भगवान भोलेनाथ के सामने कहें।

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