मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज ने तीन दिन की भू समाधि के बाद सोमवार को निकल आये। इसके बाद उनके अनुयायियों और भक्तों ने उनका आशीर्वाद लिया।समाधि स्थल सात फीट खोदा गया था। जबकि बाबा की समाधि लेने के बाद उस गड्ढे को लकड़ी के पटिये से ढंक दिया गया।बताया जा रहा है कि बाबा ने समाधि लेने से दस पहले ही अन्न जल त्याग दिया और वे केवल जूस ले रहे थे। समाधि से निकलने के बाद बाबा का स्थल पर अभिषेक किया गया और उनकी आरती उतारी गई।
भोपाल के दक्षिण टीटी नगर में शुक्रवार को बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज ने सुबह दस बजे समाधि स्थल पर गए थे। इस दौरान यहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजुद रहे। बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज सात फीट गहरे गड्ढे में समाधि ली थी। समाधि लेने के बाद गड्ढे को लकड़ी की पट्टियां और मिट्टी से ढंक दिया गया था। सोमवार को 11.10 पर बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज समाधि स्थल से बाहर निकले। जिसके बाद उनके भक्तों और अनुयायियों उनका अभिषेक किया और उनकी आरती उतारी। बता दें कि बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज मां भद्रकाली विजयासन दरबार के आध्यात्मिक संस्था के संस्थापक हैं।
बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज की समाधि के लिए सात फीट गहरा, चार फीट चौड़ा और छह फीट लंबा गड्ढा खोदा गया था। उनके पुत्र मित्रेश कुमार के अनुसार समाधि के दस दिन पहले ही बाबा पुरुषोत्तमानंद महाराज ने अन्न जल त्याग दिया था। वह केवल इस समय जूस ले रहे थे। बाबा इस दौरान तीन दिन यानी 72 घंटे समाधि में रहे और अष्टमी के दिन समाधि से बाहर आये। समाधि से वापस आने पर उन्होंने कहा अगली बार वे 84 घंटे की समाधि लेंगे।
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