महर्षि वेद व्यास के जन्म तिथि के अवसर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। भारतीय पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पुर्णिमा पर्व मनाया जाता है और इस साल गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई, शनिवार को मनाई जाएगी। मानव जाति में चारों वेदों का विशेष महत्व है। वेदों को दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ और ज्ञान का भंडार माना गया है। वेदों के महान ज्ञाता गुरु महर्षि वेद व्यास जी के जन्म तिथि के अवसर पर गुरु पूर्णिमा पर्व को मनाया जाता है। गुरु वेद व्यास प्रकांड ज्ञानी थे और कई सिद्धांतों का सूत्रपात किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन भारत से ही गुरु को माता-पिता से भी परम माना गया है क्योंकि गुरु ही शिष्यों को गलत मार्ग पर चलने से बचाते हैं और जीवन को सही रास्ते पर लेकर जाते हैं। गुरु के बिना जीवन को अकल्पनीय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सनातन धर्म में 18 पुराण हैं और उनमें से अधिकांश की रचना महर्षि वेद व्यास ने ही की है।
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 23 जुलाई 2021, शुक्रवार सुबह 10.43 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 जुलाई 2021, शनिवार सुबह 08.06 मिनट तक