30 C
Mumbai
Saturday, December 27, 2025
होमधर्म संस्कृतिभारत में पहली वैश्विक पांडुलिपि धरोहर सम्मेलन का आयोजन!

भारत में पहली वैश्विक पांडुलिपि धरोहर सम्मेलन का आयोजन!

11 से 13 सितंबर तक भरत मंडपम में होगा आयोजन!

Google News Follow

Related

संस्कृति मंत्रालय ने गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर घोषणा की है कि भारत 11 से 13 सितंबर 2025 तक नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में पहली बार वैश्विक पांडुलिपि धरोहर सम्मेलन (Global Conference on Manuscript Heritage) की मेज़बानी करेगा। यह सम्मेलन न केवल भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को संरक्षित करने और साझा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है, बल्कि यह विश्व समुदाय के साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने का भी माध्यम बनेगा।

क्या होगी थीम ?

इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन का शीर्षक होगा — “Reclaiming India’s Knowledge Legacy Through Manuscript Heritage”। सम्मेलन में भारत और दुनिया भर के लगभग 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें 75 प्रतिष्ठित विद्वान और सांस्कृतिक विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम को हाइब्रिड (सशारीरिक और ऑनलाइन) प्रारूप में आयोजित किया जाएगा ताकि वैश्विक स्तर पर अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित हो सके।

भारत के पास विभिन्न भाषाओं और लिपियों में एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियां उपलब्ध हैं, जिनमें दर्शन, विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, अनुष्ठान और कलाओं से संबंधित ज्ञान भंडार समाहित हैं। यह सम्मेलन विशेष रूप से इन दुर्लभ ग्रंथों के संरक्षण, डिजिटलीकरण और युवा पीढ़ी तक इनकी पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण को श्रद्धांजलि:

सम्मेलन की तिथि 11 सितंबर इसलिए चुनी गई है क्योंकि इसी दिन 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म महासभा में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था। यह आयोजन भारत के वैश्विक शांति और ज्ञान साझा करने की परंपरा को नमन करने के रूप में भी देखा जा रहा है।

सम्मेलन में कई दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिनमें कुछ ऐसी अमूल्य रचनाएं भी होंगी जो UNESCO’s Memory of the World Register में सूचीबद्ध हैं। इसके अलावा संरक्षण तकनीकों का लाइव प्रदर्शन, संस्कृतिक कार्यक्रम, वर्कशॉप्स, और पांडुलिपि नवाचार पर आधारित स्टार्टअप्स के प्रदर्शन भी होंगे।

इस सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण पहल “Manuscript Research Partner (MRP)” प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत युवाओं के लिए स्क्रिप्ट लैब्स, हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स, और संशोधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सम्मेलन में New Delhi Declaration on Manuscript Heritage को भी अपनाया जाएगा, जो पांडुलिपियों के संरक्षण, अनुवाद और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में भावी कदमों का मार्गदर्शन करेगा।

सम्मेलन के दौरान AI आधारित संग्रहण, नैतिक संरक्षण, पालियोग्राफी (प्राचीन लिपियों का अध्ययन), डिजिटलीकरण और शिक्षा में पांडुलिपि ज्ञान के उपयोग जैसे आधुनिक विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। जो शोधकर्ता या विद्वान अपने शोध-पत्र या केस स्टडी प्रस्तुत करना चाहते हैं, वे 10 अगस्त 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट https://gbm-moc.in पर जमा कर सकते हैं। अपने प्रश्न या पूर्ण शोध-पत्र भेजने के लिए ईमेल आईडी gbmconference@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।

यह सम्मेलन भारत की शिक्षा, संस्कृति और ज्ञान परंपरा को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक अनूठा और ऐतिहासिक प्रयास माना जा रहा है, जिससे भारतीय और वैश्विक शोधकर्ताओं के बीच एक मजबूत ज्ञान संवाद प्रारंभ होगा।

यह भी पढ़ें:

‘अर्बन नक्सलवाद’ पर नकेल कसने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुआ विशेष कानून!

भारत का रुस से कच्चा तेल खरीदना विश्व के लिए ठहरा लाभकारी: हरदीप सिंह पूरी

भारत ने स्वदेशी अस्त्र मिसाइल का किया सफल परीक्षण !

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,567फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें