मंगलवार (30 जुलाई) की रात को केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटना के बाद देश में चिंता का वातावरण था। मुंडकई मेप्पडी में भारी बारीश के चलते भूस्खलन हुआ जिसके बाद पुरे के पुरे गांव के बह जाने और चुरमाला और मुंडक्कई को जोड़ने वाला रास्ता भी बह जाने के कारण बचाव अभियान में देरी हो रही है। ऐसे में भारतीय सेना और एनडीआरएफ के बाद अब राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाला है। संघ के स्वयंसेवक भी मलबे को हटाकर लोगों को ढूंढने की कोशिश में लगे हुए है।
पहाड़ी क्षेत्र से भूस्खलन होने के कारण मेप्पडी के इलाके में मलबा भर गया है, जिसके नीचे लोगों के दबे होने की आशंका है। अब तक मिले रिपोर्ट के अनुसार मृतकों का आंकड़ा 140 से पार हो चूका है। तो अब तक 128 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इन गावों में रहनेवाले लोगों के घर, और संपत्ति सब इस दुर्घटना में चला गया है। ऐसे में लोगों को असरा और खान पान की व्यवस्था में संघ स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है।
जानकारी के अनुसार स्वयंसेवकों के परिवार एवं राष्ट्रसेविका समिती पीड़ितों के खानपान और मेडिकल जरूरतों में मदद के लिए आगे आए है, तो स्वयंसेवकों की टुकड़ी अपनी प्रसिद्ध खाकी हाफ पैंट में मलबे को हटाने में लगे है। स्वयंसेवकों का कहना है की उन्हें मलबे के नीचे जिंदगी होने की आशा है। ऐसे में राहत और बचाव कार्य में तेजी लाना आवश्यक है, जिसके लिए सभी सुरक्षाबल, सेना टीम और स्वयंसेवक तत्पर है।
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