भगवान जगन्नाथ के आभूषण और रत्नों की योग्य सूचि बनाने के लिए आज दोपहर एक बजकर 28 मिनट पर रत्न भंडार को खोला गया है। इससे पहले यह रत्न भंडार 1978 में खोला गया था। राज्य सरकार की ओर से भगवान जगन्नाथ मंदिर के आभूषणों और वस्तुओं की सूचि बनाने के लिए एक 16 सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया है।
इस समिति में पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व विभाग इन वस्तुओं और आभूषणों की मरम्मत भी देखेगा।
इस बीच पूरी के कलेक्टर आईएएस सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने बताया हम इस समय जगन्नाथ मंदिर के अधिनियम के अनुसार सभी मानकों का सख्ती से पलान कर रहें है। इस बीच रत्न भंडार में सांप के होंने की बातें भी उठ रही थी, जिस पर ऐतियात तौर मंदिर के कर्मचारी और सपेरे को पहले अंदर भेजा गया।
समिति के सदस्यों ने यह भी बताया की भंडार को खोलने से पहले उन्होंने मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा अर्चना भी की थी। जिनके सूचि बनाने की मांग पर यह भंडार के द्वार खोले गए है वे भगवान जगन्नाथ के मुख्य सेवक हलदर दास महापात्र ने संग्रहीत मूल्यवान सामान का वजन न करने और अन्य वस्तुओं का वजन करते हुए उन्हें सील करने की सलाह दी है।
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