यद्यपि रायगढ़ दुर्ग के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में धनराशि उपलब्ध करायी गयी है, तथापि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा दुर्ग के संरक्षण एवं संरक्षण का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। विभाग द्वारा 19 में से केवल 2 कार्य ही पूर्ण किए गए हैं और साढ़े आठ करोड़ की राशि अप्रयुक्त पड़ी है। इसलिए सैलानियों और शिव प्रेमियों में नाराजगी का माहौल है।
राज्य सरकार ने हिंदू स्वराज्य की राजधानी कहे जाने वाले रायगढ़ किले के संरक्षण और संरक्षण के लिए 650 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस कार्यक्रम के तहत किले के संरक्षण और संरक्षण के साथ-साथ इस क्षेत्र में अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा रायगढ़ प्राधिकरण की स्थापना की गई है। रायगढ़ के लिए निर्माण विभाग की विशेष निर्माण टीम नियुक्त की गई है। ताकि किले के संरक्षण, संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से किया जा सके। लेकिन फिर भी किले के संरक्षण, संरक्षण और सौंदर्यीकरण के कार्य गति नहीं पकड़ सके।
कार्यपालन यंत्री विशेष निर्माण दल रायगढ़ के माध्यम से वर्ष 2016 से 2023 तक कुल 111 कार्य स्वीकृत किये गये। इनमें से सिर्फ 50 काम ही पूरे हो पाए हैं। वर्तमान में 38 कार्य चल रहे हैं। 23 काम अभी शुरू भी नहीं हुए हैं। किले के संरक्षण का कार्य भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें 11 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया गया है। 19 किला संरक्षण कार्यों को स्वीकृति दी गई है।
इनमें से केवल दो कार्य पूर्ण हुए हैं तथा 12 कार्य प्रगति पर हैं। 4 अभी काम शुरू नहीं हुआ है। अहम बात यह है कि पुरातत्व विभाग से प्राप्त 11 करोड़ की धनराशि में से पुरातत्व विभाग को कार्य की गति बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक जनशक्ति लगाने की आवश्यकता है।
इससे शिव प्रेमियों और पर्यटकों में नाराजगी का माहौल है। रायगढ़ घाटी में मानसून के दौरान भारी वर्षा होती है। इसलिए इस अवधि में काम करना संभव नहीं है। वास्तविक कार्य मानसून के बाद अक्टूबर से मई तक किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि मई के अंत तक जितना हो सके काम में तेजी लाने की कोशिश की जाए। इस साल रायगढ़ किले में शिव का 350वां राज्याभिषेक समारोह मनाया जाएगा। ये समारोह तिथि और समय के अनुसार 2 जून से 6 जून के बीच आयोजित किए जाएंगे। इससे पहले किला संरक्षण कार्यों को शुद्ध गति से पूरा करना जरूरी होगा।
भू-अर्जन कार्य की स्थिति रायगढ़ दुर्ग की तलहटी में शिव सृष्टि निर्माण, अधोसंरचना विकास, राजमार्ग कार्यों हेतु कुल 36 हेक्टेयर क्षेत्रफल का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से 31.56 हेक्टेयर क्षेत्र का अधिग्रहण किया जा चुका है। अभी साढ़े तीन हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना बाकी है। भूमि अधिग्रहण के लिए 21 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि का वितरण किया गया। इसमें से परियोजना पीड़ितों को 19 करोड़ 56 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। 1.61 करोड़ अब भी बकाया है।
महावितरण के माध्यम से किए गए कार्यों की स्थिति: महावितरण के माध्यम से रायगढ़ किले और आसपास के क्षेत्रों में उच्च दबाव, कम दबाव बिजली लाइनों और तार डालने का कार्य किया गया है। इसके लिए छह करोड़ चार लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी है| इसमें से 4 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और 1 करोड़ 43 लाख रुपये बाकी हैं। इसके तहत 2 किमी लंबे हाई प्रेशर चैनल बिछाने का काम पूरा हो चुका है। 5 तार को लगाने का काम भी पूरा कर लिया गया है। लो प्रेशर पाइप बिछाने के 8.40 किलोमीटर के काम में से 5.93 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है|
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