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Tuesday, December 9, 2025
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​महाराष्ट्र मंदिर महासंघ: ड्रेस कोड विवाद पर छगन भुजबल का कड़ा रुख !

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने मंदिरों में वस्त्र संहिता (ड्रेस कोड) लागू करने का फैसला किया है। साथ ही, साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक, सप्तशृंगी देवी मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए एक ड्रेस कोड लागू करने के लिए कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता छगन भुजबल ने मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू करने की तीखी आलोचना की है।

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तुलजापुर मंदिर में एक ड्रेस कोड लागू किया गया था। बाद में भक्तों द्वारा आपत्ति जताए जाने के चौबीस घंटे के भीतर निर्णय वापस ले लिया गया। इस पर छगन भुजबल ने कड़ा स्टैंड पेश किया है। साथ ही मंदिर में पुजारी नग्न क्यों हैं? उन्होंने ऐसा सवाल भी पूछा है। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने मंदिरों में वस्त्र संहिता (ड्रेस कोड) लागू करने का फैसला किया है। साथ ही, साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक, सप्तशृंगी देवी मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए एक ड्रेस कोड लागू करने के लिए कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता छगन भुजबल ने मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू करने की तीखी आलोचना की है।

मंदिर जाने पर स्कूल की छुट्टी होती है। क्या वह हाफ पैंट पहन कर मंदिर नहीं जाएगा? हाफ पैंट पहनने पर लड़के को बाहर निकाल दिया गया। यह बकवास है। मैं भी इस बात से सहमत हूं कि आपको मंदिर में वैसे कपड़े पहनकर नहीं जाना चाहिए, जैसा आप उचित समझें। लेकिन अगर हर कोई नियमों का पालन करना चाहता है, तो उन पुजारियों को भी जो मंदिर के अंदर खुले मुंह वाले हैं, उन्हें भी सदरा आदि पहनना चाहिए। पुजारी की पहचान तब होती है जब वह गले में माला पहनता है। क्या पुजारी भी अर्धनग्न नहीं होते? धोती पहननी चाहिए, तुलसीमाला पहननी चाहिए, सदरा पहनना चाहिए, जिससे कोई भी पहचान सके कि यह एक पुजारी है। लेकिन नहीं, वे खुले होने चाहिए।

मीडिया में अंतरिक्ष आवंटन की चर्चा क्यों है ?: ऐसा लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट आवंटन को लेकर काफी भ्रम है और पुणे लोकसभा कौन लड़ेगा। इस सीट पर कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार ने दावा किया है. इस पर टिप्पणी करते हुए छगन भुजबल ने कहा, सीट आवंटन ऐसी चीज नहीं है जिस पर मीडिया में चर्चा की जाए। हम तीनों घटक दलों को भरोसे में लेकर इस पर चर्चा करेंगे। साथ ही कर्नाटक में भाजपा की सफलता के आधार पर पहले यह स्पष्ट कर लें कि वह चुनाव जीतेगी या नहीं।

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