आज पूरे राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है| शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में न पता हो। वीर सपूतों में से एक माने जाने वाले शिवाजी महाराज भारतीय गणराज्य के महानायक माने जाते थे। मराठा गौरव ने ही साल 1674 में भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। वह एक धर्मनिरपेक्ष राजा थे।
हिंदू संवत कैलेंडर के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 21 मार्च 2022 को मनाई जाती है। इस साल मराठा गौरव की 392 जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोंसले था, लेकिन वर्ष 1674 में औपचारिक तौर से उन्हें मराठा साम्राज्य का ताज पहनाया। जिसके बाद से वह छत्रपति कहलाएं।
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे बहादुर और बुद्धिमान सम्राटों में से एक थे। इतिहास इस बात का गवाह है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र न तो दिल्ली की गद्दी के आगे झुका और न ही अंग्रेजों के सामने।
इस जयंती को मनाने की शुरुआत साल 1870 में पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले द्वारा की गई थी। उन्होंने ही रायगढ़ में शिवाजी की समाधि की खोज की थी। इसके बाद शिवाजी की जयंती को आगे मनाने की परंपरा गंगाधर तिलक ने जारी रखी।
शिवाजी महाराज अपनी अद्भुत रणनीति, उत्कृष्ट नेतृत्व गुण के कारण जाने जाते थे। उन्होंने कई बार अंग्रेजों की सेना को धूल चटाई थी। मराठा साम्राज्य के योद्धा वीर शिवाजी ने ही गोरिल्ला युद्ध नीति को जन्म ही नहीं दिया बल्कि इस नीति से कई युद्ध भी लड़े। और जीते भी|
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