घोड़े पर सवार होकर आईं मां दुर्गा, 21 अप्रैल को राम नवमी

घोड़े पर सवार होकर आईं मां दुर्गा, 21 अप्रैल को राम नवमी

 

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवरात्र का बड़ा ही महत्व होता है. इस पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती के लिए अपनी यात्रा शुरू करती हैं. इस दौरान मां अपने खास वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं.मान्यता है कि अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार से हो रही हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आएंगी. वहीं, नवरात्रि जब बुधवार से शुरू होती है, तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं. लेकिन जब गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होती है तो मां डोली में आती हैं. वहीं कलश स्थापना शनिवार या मंगलवार को हो तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं. ऐसे में इस बार नवरात्रि की शुरूआत मंगलवार को हो रही है.

यही कारण है कि मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं.हर साल मां दुर्गा अलग-अलग वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं. मां का हर एक वाहन अलग-अलग संकेत देता है. नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर पालकी, नाव, हाथी या घोड़े की सवारी करके आती हैं तो भविष्य में आने वाली घटनाओं का संकेत मिलता है. देवीभाग्वत पुराण में कहे एक श्लोक के अनुसार माता का वाहन अश्व यानि घोड़ा होगा. ऐसे में पड़ोसी देशों से युद्ध, छत्र भंग, आंधी-तूफान के साथ कुछ राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल की संभावना रहता है. वहीं जब माता के विदाई की सवारी भी भविष्य में घटने वाली घटनाओं की ओर इशारा करता है. इस बार मां दुर्गा नर वाहन पर विदा होंगी.13 अप्रैल दिन मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व आरंभ होगा. पंचांग के अनुसार नवमी की तिथि 21 अप्रैल को पड़ेगी. नवरात्रि व्रत का पारण दशमी की तिथि यानि 22 अप्रैल को किया जाएगा.

 

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