विजयादशमी समारोह: सरसंघचालक ने किया मातृशक्ति​ संरक्षण की अपील

सरसंघचालक ने कहा है कि भारत अर्थव्यवस्था और खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहा है। समाज में मातृभाषा कम बोली जाती है। सरसंघचालक ने कहा है कि भाषा का संरक्षण जरूरी है।

विजयादशमी समारोह: सरसंघचालक ने किया मातृशक्ति​ संरक्षण की अपील

Vijayadashami celebrations: Sarsanghchalaks appealed for protection of mother power

नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी समारोह में सरसंघचालक मोहन भागवत ने मातृ शक्ति का महिमामंडन किया।​ ​हम यह तर्क नहीं देते कि पुरुष श्रेष्ठ हैं या महिलाएं। महिलाओं को घर में रखना ठीक नहीं है। समाज में दोनों का कार्य पूरक है। इस समारोह में सरसंघचालक ने कहा है। रेशम बाग मैदान में हुए इस समारोह में महिला संतोष यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर ​​जगह दी गई|​​​ ​विजयदशमी समारोह में सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा की। सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों के आंदोलन का अवलोकन किया।

नागपुर में विजयादशमी समारोह में राज्य के उप​ ​मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और कृपाल तुमाने मौजूद हैं|​ ​दुनिया में हमारे देश का वजन बढ़ रहा है। सरसंघचालक ने कहा है कि भारत अर्थव्यवस्था और खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहा है। समाज में मातृभाषा कम बोली जाती है। सरसंघचालक ने कहा है कि भाषा का संरक्षण जरूरी है।

इस मौके पर सरसंघचालक ने देश की आबादी पर भी टिप्पणी की। जनसंख्या एक समस्या है, लेकिन इस समस्या पर दोनों तरफ से विचार करना होगा। सरसंघचालक ने कहा है कि अगर इस आबादी का सही इस्तेमाल किया जाए तो देश को फायदा हो सकता है। भागवत ने यह भी कहा कि यदि जनसंख्या घटती है, तो समाज में असंतुलन होगा।
रक्षा क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर होता जा रहा है। भागवत ने कहा है कि कोरोना जैसी आपदा के समय से बाहर आने के बाद हमारी अर्थव्यवस्था अपनी पूर्व स्थिति में लौट रही है|​​ एक शक्ति जो भारत की एकता और प्रगति को बर्दाश्त नहीं करती है, वह नवाचार की प्रक्रिया में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने अपील की है कि समाज को इन ताकतों को मिटाने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए|​ ​
भागवत ने कहा कि संघ ने सरकार को सस्ती गुणवत्तापूर्ण और लाभ मुक्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है|​​ सरकार को उद्यमिता को बढ़ावा देना चाहिए। भागवत ने सरकार से अपील की कि हर जिले में विकेंद्रीकृत रोजगार प्रशिक्षण योजनाओं को लागू करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं|​ ​
​अगर सभी हिंदुओं के लिए मंदिर, पानी और श्मशान घाट नहीं खुले तो समानता एक सपना बनकर रह जाएगी। सरसंघचालक ने यह भी कहा कि भड़काऊ चाहे कोई भी हो, सभी को कानून और संविधान के दायरे में अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए।
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