Nasik: क्या परंपराओं को नष्ट कर देगा? मराठा सेवा संघ, पुरोहित वर्ग का सवाल
मंदिर के पुजारी ने कहा कि मराठा सेवा संघ की मांग पूरी तरह से गलत है और शिवाजी महाराज स्वयं एक ब्राह्मण थे। इसलिए ब्राह्मण और पुजारी मंदिर के अभिन्न अंग हैं। ये परंपराएं वैदिक काल से चली आ रही हैं। तो अब क्या आप उसे नष्ट कर देंगे जिसे छत्रपति ने स्वयं शुरू किया था?
Team News Danka
Updated: Mon 03rd April 2023, 06:08 PM
Nasik: What will destroy traditions? The question of the priestly class of the Maratha Seva Sangh!
शिवाजी महाराज स्वयं एक ब्राह्मण संरक्षक थे, इसलिए ब्राह्मण और पुजारी मंदिर के अभिन्न अंग हैं। ये परंपराएं वैदिक काल से चली आ रही हैं। साथ ही स्वयं छत्रपति ने कई मंदिरों में त्रिकाल पूजा की है। तो क्या आप उसे नष्ट कर देंगे, जिसे छत्रपति ने स्वयं शुरू किया था? यह सवाल मंदिर के पुजारियों ने मराठा सेवा संघ से पूछा है।
मराठा सेवा संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम खेडेकर ने इस संबंध में अहम बयान देते हुए बड़ी मांग की कि मंदिर में बहुजन समुदाय के लड़के-लड़कियों को नियुक्त किया जाए|इसके बाद विवाद के और भी गर्म होने के आसार हैं। नासिक में मंदिर के पुजारियों ने खेडेकर के इस बयान पर सवाल उठाए हैं। कई सालों से मंदिर और पुजारी की बराबरी की जाती रही है।
वैदिक काल से धार्मिक और पूजा अनुष्ठान पारंपरिक हैं। छत्रपति ने स्वयं कई मंदिरों में त्रिकाल पूजा की है। तो क्या आप उसे नष्ट कर देंगे जिसे छत्रपति ने स्वयं शुरू किया था? यह सवाल मंदिर के पुजारियों ने मराठा सेवा संघ से पूछा है। एक चौंकाने वाली घटना तब हुई जब महत ने छत्रपति संभाजी राजे की पत्नी संयोगिता राजे छत्रपति को वेदोक्त मंत्र का जाप करने का विरोध किया। उसके बाद राज्य में एक नया विवाद छिड़ गया। इस विवाद के बीच मराठा सेवा संघ ने आज एक अहम बयान दिया है|
पुरुषोत्तम खेडेकर ने कहा: अब समय आ गया है कि मंदिरों को ब्राह्मण मुक्त किया जाए, ब्राह्मणों के बजाय बहुजन समुदाय के लड़के-लड़कियों को मंदिर में नियुक्त करने की बड़ी मांग है| नासिक के प्रसिद्ध कपालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने एक सवाल उठाया है। इस समय मंदिर के पुजारी ने कहा कि मराठा सेवा संघ की मांग पूरी तरह से गलत है और शिवाजी महाराज स्वयं एक ब्राह्मण थे। इसलिए ब्राह्मण और पुजारी मंदिर के अभिन्न अंग हैं। ये परंपराएं वैदिक काल से चली आ रही हैं। तो अब क्या आप उसे नष्ट कर देंगे जिसे छत्रपति ने स्वयं शुरू किया था?
पुजारियों ने कहा कि यह मराठा सेवा संघ से हमारा सवाल है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वे विरोध करते हैं, तो हम लड़ेंगे और छत्रपति ने मंदिर के लिए ताम्रपत्र भी निर्धारित किए हैं। पुजारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर समय मिला तो वे इसे कोर्ट में चुनौती देंगे।