इस्लामिक संस्थान में गीता-उपनिषद की ​पढ़ाई, छात्र संस्कृत में ​करते हैं बात

प्राचार्य ओनाम्पिल्ली मुहम्मद फैज़ी का कहना है कि संस्कृत उपनिषद, पुराण, शास्त्र आदि पढ़ाने का उद्देश्य छात्रों को देना है। अन्य धर्मों के बारे में ज्ञान और जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।

इस्लामिक संस्थान में गीता-उपनिषद की ​पढ़ाई, छात्र संस्कृत में ​करते हैं बात

Gita-Upanishad study in Islamic Institute, students talk in Sanskrit

धार्मिक भाईचारे की एक बेहतरीन मिसाल त्रिशूर जिले से सामने आई है। यहां के एक इस्लामिक संस्थान में पढ़ने ​​वाले मुस्लिम छात्र एक गुरु की देखरेख में संस्कृत के श्लोक और मंत्र सीखते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस कक्षा में गुरु और शिष्यों के बीच संवाद भी संस्कृत में होता था।

क्यों पढ़ाया जाता है मलिक दीनार इस्लामिक कॉम्प्लेक्स (एमआईसी) द्वारा संचालित शरिया और उन्नत अध्ययन अकादमी (एएसएएस) के प्राचार्य ओनाम्पिल्ली मुहम्मद फैज़ी का कहना है कि संस्कृत उपनिषद, पुराण, शास्त्र आदि पढ़ाने का उद्देश्य छात्रों को देना है। अन्य धर्मों के बारे में ज्ञान और जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
सभी बातचीत संस्कृत में मलिक दीनार इस्लामिक कॉम्प्लेक्स में ASAS में, छात्र केवल संस्कृत में बोलते हुए दिखाई देते हैं। संस्थान के प्राचार्य ने कहा कि हमने सोचा कि छात्रों को दूसरे धर्मों और उनके रीति-रिवाजों के बारे में जानना चाहि|​​ परन्तु आठ वर्ष के अध्ययन काल में संस्कृत के साथ-साथ उपनिषदों, शास्त्रों और वेदों का अध्ययन करना संभव नहीं होगा।
फैजी ने कहा कि जो पढ़ाया जाता है उसका उद्देश्य छात्रों को बुनियादी ज्ञान देना और उनमें अन्य धर्मों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि 10वीं पास करने के बाद छात्रों को भगवद गीता, उपनिषद, महाभारत, रामायण के महत्वपूर्ण अंश और गीता के श्लोक भी पढ़ाए जाते हैं।
​यह भी पढ़ें-​

महबूबा मुफ्ती ने ​भाजपा​​ पर आयोग की स्वायत्तता तोड़ने का ​लगाया ​​आरोप ​!​

Exit mobile version