मुंबई। कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होते ही राज्य की ठाकरे सरकार तमाम पाबंदियों में ढील दिए जाने के बावजूद गणेशोत्सव पर नियमों की की गठान कसती ही जा रही है। इससे गणेश भक्तों में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है। सरकार ने अब अपनी कोरोनारोधी नियमावली में इस साल से नई परंपरा शुरू की है कि गणेश विसर्जन के लिए महज दो खुराक लेने वाले 10 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी।
2 डोज वाले सिर्फ 10 लोगों को अनुमति
मनपा के इस फैसले को लेकर विसर्जनस्थलों पर जमकर उहापोह पैदा होने की संभावना है। यह अनुमति केवल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के कार्यकर्ताओं के लिए लागू है। चूंकि वैक्सीन की दो खुराक लेने वाले 10 लोगों को ही अनुमति है, ऐसे में यह सवाल उठता है कि ऐसे गणेशभक्तों की जांच कैसे की जाएगी? यह कैसे जांचा जाएगा कि हरेक गणेशोत्सव मंडल में केवल 10 लोग ही हैं या नहीं? जिन लोगों को वैक्सीन की एक खुराक मिली है या जिन्हें टीका लगा ही नहीं है, उन्हें भीड़ में बस से यात्रा करने की अनुमति तो है, लेकिन ट्रेन से यात्रा की नहीं। ट्रेन यात्रा के लिए 2 डोज के बाद मिलने वाला पास अनिवार्य कर दिया गया है। अब 2 डोज से होकर गुजरने वाली अनुमति का नियम गणेशभक्तों पर भी लाद दिया गया है। कमोबेश एक जैसे हालात के लिए नियम में विविधता लोगों में असमंजस बढ़ा रही है।
दर्शन की अनुमति सरकार के पाले में
बीते साल कोरोना के कारण गणेश प्रतिमा के विसर्जन में गणेशभक्तों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी। गणेश प्रतिमा को मनपा की टीम को देना अनिवार्य किया गया था। दूसरी लहर का असर कम होने पर मांग की गई कि जिन्होंने वैक्सीन की दो खुराकें ली हैं, उन्हें चौपाटी पर गणेश की मूर्ति विसर्जित करने की अनुमति दी जाए। सोमवार को समन्वय समिति और मनपा अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इस मांग को पूरा किया गया तथा मंडल के 2 टीके लगवाए 10 लोगों को विसर्जन में शामिल की अनुमति दी गई। बैठक में मनपा उपायुक्त हर्षद काले व समिति के अध्यक्ष एड. नरेश दहिबावकर मौजूद थे। गणेशोत्सव समन्वय समिति ने बैठक में यह मांग भी रखी थी कि सार्वजनिक मंडलों में भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाए। मनपा प्रशासन ने इस संबंध में निर्णय की गेंद राज्य सरकार के पाले में रख छोड़ी है।
पाबंदियों से बुरी तरह तंग आ गए हैं लोग
मनपा ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सड़कों पर बने गड्ढों को भर दिया जाएगा। नियमों में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों की मूर्ति 4 फीट तक और घरेलू मूर्ति के अधिकतम 2 फीट के होने का समावेश है। साथ ही, गणेश मंडलों को भीड़भाड़ न होने का ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। विसर्जनस्थलों पर मनपा कर्मचारियों को मूर्ति दे दें, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को विसर्जन के लिए नहीं जाना चाहिए तथा बड़े मंडलों को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा देनी चाहिए आदि नियमों का भी शिकंजा लगाया गया है। गणेश भक्त इन नए प्रतिबंधों की सुनकर ही तंग आ गए हैं, क्योंकि कोरोना के कारण वैसे ही लंबे अरसे से तमाम पाबंदियों के बीच किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं।