30 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमधर्म संस्कृतिबैलगाड़ी दौड़ की इजाजत मिलने के बाद सुप्रिया सुले का रिएक्शन "भर्रर्रर्र..."...

बैलगाड़ी दौड़ की इजाजत मिलने के बाद सुप्रिया सुले का रिएक्शन “भर्रर्रर्र…” !

आखिरकार आज कोर्ट ने इस संबंध में फैसला सुना दिया है और उसके अनुसार महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू और कर्नाटक में कंबाला को अनुमति दे दी गई है| जानवरों के अनुकूल संगठनों द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि इस तरह के खेलों में जानवर पीड़ित हैं। कोर्ट ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया है। इस पर एनसीपी सदस्य सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी है।

Google News Follow

Related

सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू और कर्नाटक में कंबाला को लेकर अहम फैसला सुनाया|इस संबंध में सुनवाई दिसंबर महीने में पूरी हुई|फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था।आखिरकार आज कोर्ट ने इस संबंध में फैसला सुना दिया है और उसके अनुसार महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू और कर्नाटक में कंबाला को अनुमति दे दी गई है|जानवरों के अनुकूल संगठनों द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि इस तरह के खेलों में जानवर पीड़ित हैं। कोर्ट ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया है। इस पर एनसीपी सदस्य सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी है।
“ भर्रर्रर्र …:”  सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार बैलगाड़ी दौड़ पर लगे प्रतिबंध को हमेशा के लिए हटा दिया। इससे बैलगाड़ी दौड़ का मार्ग प्रशस्त हुआ है। बैलगाड़ी दौड़ एक ऐसा खेल है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है। इसके अलावा खिल्लर की देशी गाय की नस्ल को संरक्षित किया जाएगा। यह फैसला महाराष्ट्र की संस्कृति को बचाएगा। सुप्रिया सुले ने ट्वीट करते हुए इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा है|

बैलगाड़ी दौड़, जल्लीकट्टू और कम्बाला जैसे खेलों के लिए, तीन संबंधित राज्य सरकारों ने उन राज्यों के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में कुछ संशोधन किए थे। इसके मुताबिक उन राज्यों ने भी इन खेलों को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, राज्य सरकार के इन फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस संबंध में विस्तृत सुनवाई के बाद दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। फाइनली आज रिजल्ट आ ही गया|

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा पारित कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी। यह 2014 में सुप्रीम कोर्ट था जिसने जल्लीकट्टू और इसी तरह के खेलों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। उसके बाद राज्य सरकारों ने इस कानून में संशोधन कर नया विधेयक पारित किया।
यह भी पढ़ें-

नार्वेकर को संजय राउत का तंज, बोले, ”24 घंटे के भीतर कोई अच्छा क्रोनोलॉजिस्ट हो तो…!”

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें