दीपावली त्यौहार धनतेरस से शुरू होता है। इस दिन को धन्वतरि जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस बार धनतेरस 2 नवम्बर को है। कहा जाता है कि इस अवसर पर बाजार से कोई वस्तु जरूर खरीदनी चाहिए। लोग चांदी -सोने के सिक्के खरीदते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जो इस अवसर पर नहीं खरीदनी चाहिए। अगर आपको नहीं पता बताते हैं।
रीती- रिवाज़ों के अनुसार धनतेरस के दिन बाजार से कुछ न कुछ खरीदकर लाने की परंपरा है। विशेषकर सोने या चांदी की चीज़ें खरीदने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस दिन बहुत से लोग लक्ष्मी-गणेश जी बने हुए सोने-चांदी के सिक्के खरीदते हैं या बिस्कुट जो की बहुत ही शुभ माने जाते हैं। जिनका बजट सोने या चांदी का सामान खरीदने का नहीं हो वे तांबा या पीतल का बर्तन खरीद सकते हैं।
इस दिन धातु की चीजें खरीदना बड़ा ही शुभ माना जाता है। कांच का संबंध राहु से होता है। इसलिए धनतेरस के दिन कांच का सामान खरीदने से बचना चाहिए। हालांकि कई लोग धनतेरस के दिन कछुआ खरीद के लाते हैं जो शुभ माना जाता है लेकिन आपको बता दें क्रिस्टल का कछुआ खरीदने से धनतेरस के दिन बचना चाहिए। क्योंकि क्रिस्टल का कछुआ कांच का कछुआ होता है।
अधिकतर लोग एल्युमिनियम के बर्तन खरीदना पसंद करते हैं ,लेकिन बता दें कि यह धातु भी राहु का कारक होती है। धनतेरस के दिन ऐसी चीजें घर लाई जाती हैं जो प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुई हो न कि मानव द्वारा निर्मित की गयी हो।धनतेरस पर लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन लोहे से बनी चीजें घर पर लाने पर राहु ग्रह की अशुभ छाया पड़ती है। इतना ही नहीं स्टील से बनी वस्तु भी नहीं खरीदनी चाहिए।