आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे. चाणक्य जीते जी अपने राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर देखना चाहते थे, इसलिए वे जीवन भर लोगों को शिक्षित करते रहे और उन्हें सही मार्ग दिखाते रहे। आचार्य ने उस समय चाणक्य नीति नामक ग्रंथ भी लिखा था, जिसमें जीवन से जुड़ी ऐसी तमाम बातों का जिक्र है, जिनसे इंसान की तमाम मुश्किलें आसानी से हल हो सकती हैं. यदि व्यक्ति आचार्य की बातों का अनुसरण कर ले अपने जीवन को सफल बना सकता है।
1. हर व्यक्ति को शिक्षा में अपनी रुचि जरूर रखनी चाहिए और हमेशा ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए क्योंकि शिक्षा आपकी सच्ची साथी है. यही आपको बुरे वक्त में सही मार्ग दिखाने में मदद करती है. इसके अलावा एक शिक्षित व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है. शिक्षा में इतनी ताकत है कि वो सौंदर्य और यौवन को भी परास्त कर देती है.
2. अपने रहस्यों को कभी किसी के साथ साझा न करो, क्योंकि जिस दिन वो व्यक्ति आपसे किसी बात पर चिढ़ गया, वो आपकी मान—प्रतिष्ठा को बर्बाद कर सकता है।
3. हम अक्सर बीती बातों को याद करके पछताते हैं और भविष्य की चिंताओं में डूबे रहते हैं। जबकि एक बुद्धिमान व्यक्ति वर्तमान को बेहतर बनाकर अपने भविष्य की नींव को मजबूत करता है।
4. व्यक्ति को अपने कर्मों के भरोसे रहना चाहिए, भाग्य के भरोसे नहीं क्योंकि कर्म ही उसे श्रेष्ठ बनाते हैं. कोई जन्म से श्रेष्ठ नहीं होता. कर्म ही व्यक्ति के भाग्य को भी बदल सकते हैं।
5. हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ जरूर होता है. बात अच्छी लगे या बुरी, लेकिन ये एक कड़वा सच है।
6. एक बार जब कोई काम की शुरुआत करें तो असफलता के डर से उसे कभी न छोड़ें. प्रयत्न करें और अगर असफल हो भी जाएं तो असफलता के कारणों को ढूंढकर फिर से काम शुरू करें। आपकी ये कोशिश एक दिन आपको बहुत बड़ा मुकाम दिला सकती है।
7. यदि बच्चे को अनुशासन सिखाना चाहते हैं तो जन्म के पांचवे साल तक उसे खूब प्यार दें। दस साल तक दंडित करें और जब वो सोलह वर्ष का हो जाए, तब उसे अपना दोस्त बना लें, ताकि वो अपनी हर बात आपसे शेयर कर सके और आप उसे सही राह दिखा सकें।