विदुर नीति: जानिए कौन सा व्यक्ति होता है ज्ञानी? क्या होने चाहिए उसमें लक्षण?

विदुर नीति: जानिए कौन सा व्यक्ति होता है ज्ञानी? क्या होने चाहिए उसमें लक्षण?

हमारे वेद-पुराण ज्ञानों के खजाना हैं। भारत की विरासत ज्ञान से समृद्ध है। कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनकी नीति और बातें आज भी हमारे लिए हर समय उपयोगी होती है। महाभारत में विदुर की बुद्धिमत्ता के कायल सभी थे। विदुर ने हस्तिनापुर के हित में कई अहम फैसले लिए थे। आज हम महाराज विदुर की नीतियों के बारे में बता रहे हैं जो हमारे जीवन की कई समस्याओं को दूर करने सहायता करेगी।

 कहते हैं कि राजा धृतराष्ट्र ने विदुर जी से प्रश्न किया कि ज्ञानी कौन हैं। इस पर विदुर ने कहा कि महाराज, जो लोग दुर्लभ चीजों को पाने की इच्छा नहीं रखते, नाशवान वस्तु के विषय में शोक नहीं करते और मुश्किल समय में घबराते नहीं बल्कि उसका बहादुरी से सामना करते हैं। ऐसे लोग ज्ञानी कहलाते हैं। विदुर जी ने आगे कहा कि जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरा उत्साह से आरंभ करता है। बिना रुके उसे परिणाम तक पहुंचाता है और मन पर कंट्रोल रखता है, ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं। जिसे सम्मान पाकर भी अहंकार न हो और अपमान होने पर परेशान नहीं होते और जो अंदर से समुद्र की गहराई के बराबर गंभीर हो ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं।
विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति स्वार्थी होता है वह कीमती वस्त्र, सुख-सुविधाओं वाली चीजों को नहीं बांटता है। ऐसे व्यक्ति से हमेशा सावधान रहना चाहिए। उनके अनुसार बुद्धिमान और श्रेष्ठ वह व्यक्ति है  बांटता है।
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