पश्चिम बंगाल में एक लाइव सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बंगाली प्लेबैक सिंगर लग्नजिता चक्रवर्ती के साथ कथित बदसलूकी और हमले की कोशिश का मामला सामने आया है। घटना शनिवार (20दिसंबर) शाम पूर्वी मिदनापुर के भगवानपुर स्थित दक्षिण प्वाइंट पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई। इस मामले में स्कूल की शासकीय निकाय के एक सदस्य महबूब मलिक के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
लग्नजिता चक्रवर्ती ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह फिल्म देवी चौधुरानी का लोकप्रिय गीत ‘जागो मां’ गा रही थीं, तभी कार्यक्रम के दौरान महबूब मलिक मंच पर चढ़ आए और उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए शारीरिक हमला करने की कोशिश की। गायिका के अनुसार, आरोपी ने उन पर चिल्लाते हुए कहा, “ओनेक जागो मां होइछे, ए बार किछु सेकुलर गा” अर्थात ”बहुत हो गया ‘जागो मां’, अब कुछ ‘सेक्युलर’ गाओ।”
गायिका ने शिकायत में लिखा है कि कार्यक्रम शाम करीब 7 बजे शुरू हुआ था और रात 8:30 बजे तक चलना था। परफॉर्मेंस के शुरुआती हिस्से में सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक मंच पर हालात बिगड़ गए। लग्नजिता का आरोप है कि आरोपी का व्यवहार आक्रामक था और वह खुले मंच पर उन्हें पीटने के इरादे से आगे बढ़ा। उन्होंने कहा, “वह मुझे पीटना चाहते थे और खुले मंच पर हमला करने की कोशिश की.”
घटना के बाद लग्नजिता चक्रवर्ती ने भगवानपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच शुरू कर दी गई है और कार्यक्रम के दौरान क्या-क्या हुआ, इसकी विस्तृत तफ्तीश की जा रही है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना से जुड़े पोस्ट और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें गायिका ने अपने साथ हुई आपबीती साझा की है।
लग्नजिता के साथ बदसलूकी के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने घटना को लेकर राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है। भाजपा नेता शाकुदेब पांडा ने कहा, “पश्चिम बंगाल जिहादियों के हाथों में है। महबूब टीएमसी का आदमी है। वे गायिका को निर्देश दे रहे हैं कि उसे कौन सा गाना गाना चाहिए। यह हिंदू विरोधी रवैया है।” उन्होंने आगे आरोप लगाया, “उन्होंने लग्नजिता चक्रवर्ती पर हमला भी किया। जब वह पुलिस स्टेशन गई थीं, तो ममता बनर्जी की पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।”
हालांकि, पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है और कहा है कि मामले की जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। यह घटना राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुरक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता को लेकर एक बार फिर बहस के केंद्र में आ गई है।
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