जिस दीवान-ए-आम में शिवाजी महाराज का हुआ था अपमान, वहां आज गूंजेगा शौर्य गान

आगरा किले में शिवाजी की जयंती समारोह पर महाराष्ट्र से आए कलाकार उनकी वीर गाथा सुनाएंगे।

जिस दीवान-ए-आम में शिवाजी महाराज का हुआ था अपमान, वहां आज गूंजेगा शौर्य गान

भारत के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज की आज जयंती है। मुगलों को परास्त करने वाले शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में हुआ था। शिवाजी महाराज की वीरता की मिसाल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में दी जाती हैं। वह एक देशभक्त, कुशल प्रशासक और साहसी योद्धा थे। अपने राष्ट्र को मुगलों के चंगुल से बचाने और इसे मजबूत बनाने के लिए शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी।

वहीं आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती है। इस मौके पर आज आगरा के उसी किले में ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है। जहां पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने उन्हें मारने की कोशिश की थी। मुगल बादशाह औरंगजेब के सामने आगरा किले के जिस दीवान-ए-आम में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी का अपमान हुआ था। उसी में रविवार को यानि आज शिवाजी का शौर्य गान गाया जाएगा। पहली बार आगरा किले में शिवाजी की जयंती पर समारोह आयोजित किया जा रहा है। आयोजन में महाराष्ट्र से आए कलाकार उनकी वीर गाथा सुनाएंगे।

छत्रपति शिवाजी का जहां अपमान हुआ आज वहीं शिवाजी का शौर्य गान गाया जाएगा। अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान और महाराष्ट्र सरकार के इस समारोह में यूपी सरकार भी सहयोगी है। शनिवार को प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विनोद पाटिल ने कार्यक्रम के लिए आगरा किले को चुनने के सवाल पर कहा कि आगरा किले का दीवान-ए-आम मराठा अस्मिता के स्वाभिमान का प्रतीक है।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, छत्रपति खासदार उदयनराजे भोसले, रेलवे राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे, महाराष्ट्र वन एवं संस्कृति कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, संदीपान भुमरे, यूपी से उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आदि आयोजन में शामिल होंगे।

हैरानी की बात ये है कि आगरे के इसी किले में आगाखान पुरस्कार से जुड़ा कार्यक्रम और अदनान सामी के कंसर्ट को पहले इजाजत मिल चुकी थी लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्यक्रम को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रोक दिया था। आखिरकार अजिंक्य देवगिरि प्रतिष्ठान ने इसके लिए हाई कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद एएसआई को झुकना पड़ा और उसे इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मंजूरी देनी पड़ी।

इस समारोह में अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान महाराष्ट्र की ओर से नाटिका का मंचन भी किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजक विनोट पाटिल ने बताया कि आगरा किले के दीवान-ए-आम में छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के सामने अपनी अस्मिता और स्वाभिमान का प्रदर्शन किया था। उसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित नाटिका आज आगरा के किले में मंचित की जाएगी।

बता दें कि जिस आगरे के किले में आज यह ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है, वह ताजमहल से ढाई किमी की दूरी पर है। लाल बलुआ पत्थर से बने इस किले का निर्माण वर्ष 1573 ईस्वी में मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था। इस किले में पर्ल मस्जिद, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, मोती मस्जिद और जहांगीरी महल बने हुए हैं। यूनेस्को ने इस किले को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित कर रखा है।

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