Betelgeuse: सालों पुराने तारे रहस्य सुलझा!

भविष्य में बेटलजझ का गुरुत्वाकर्षण बल इस साथी तारे को खींच सकता है। यह प्रक्रिया लगभग 10,000 वर्षों में घट सकती है, जिसे वैज्ञानिक 'कॉस्मिक कैनिबलिज़्म' कह रहे हैं।

Betelgeuse: सालों पुराने तारे रहस्य सुलझा!

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आकाश में चमकता हुआ एक लाल विशाल तारा ‘बेटलजझ’ सदियों से खगोलविदों और खगोल-प्रेमियों के लिए रहस्य बना हुआ था। ओरायन नक्षत्र के कंधे पर स्थित यह तारा अक्सर रहस्यमयी ढंग से मंद पड़ता है, जिससे इसके व्यवहार पर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इस रहस्य का एक बड़ा जवाब ढूंढ निकाला है। बेटलजझ का एक छुपा हुआ साथी तारा, जो शायद इसके प्रकाश में आने वाले उतार-चढ़ाव का कारण है।

Betelgeuse तारे का रहस्य उसकी रहस्यमयी रोशनी में उतार-चढ़ाव को लेकर था। यह लाल सुपरजायंट तारा हर कुछ सालों में अचानक मंद पड़ जाता था, जिससे वैज्ञानिक हैरान थे। अब पता चला है कि इसके पास एक छुपा हुआ साथी तारा है, जो इसके आसपास की गैस और धूल को प्रभावित करता है। इसी कारण Betelgeuse की चमक में बदलाव होता है। यह साथी तारा पहली बार Gemini टेलीस्कोप से देखा गया, जिससे यह पुराना रहस्य अब सुलझ गया है।

हवाई स्थित जेमिनी नार्थ टेलीस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों ने इस मंद दिखने वाले साथी तारे की पहली स्पष्ट झलक पाई है। NASA Ames के प्रमुख वैज्ञानिक स्टीव हॉवेल ने कहा, “कई लोग मानते थे कि हम इस साथी तारे को कभी नहीं देख पाएंगे, लेकिन Gemini टेलीस्कोप की तेज सटीकता ने इसे संभव बना दिया।” Gemini की ‘अलोपके’ नामक तकनीक से किए गए स्पेकल इमेजिंग (speckle imaging) ने वातावरण की विकृति को हटाते हुए इस तारे की तस्वीर को साफ किया। इससे पहले हबल और चंद्रा टेलीस्कोप भी इस छुपे साथी को नहीं पकड़ सके थे।

यह साथी तारा एक गर्म और नीले-सफेद रंग का तारा है, जिसकी द्रव्यमान (mass) सूर्य से 1.5 गुना अधिक है। यह बेटलजझ के विस्तारित वायुमंडल के भीतर, पृथ्वी से सूर्य की दूरी के चार गुना पास स्थित है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये दोनों तारे एक ही समय पर बने थे, लेकिन बेटलजझ का आकार बहुत बड़ा होने के कारण यह तेजी से विकसित हुआ, जबकि इसका साथी अभी भी एक युवा तारा है और हाइड्रोजन फ्यूजन शुरू नहीं कर पाया है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में बेटलजझ का गुरुत्वाकर्षण बल इस साथी तारे को खींच सकता है। यह प्रक्रिया लगभग 10,000 वर्षों में घट सकती है, जिसे वैज्ञानिक ‘कॉस्मिक कैनिबलिज़्म’ कह रहे हैं। यह पहली बार है जब किसी रेड सुपरजायंट तारे के इतने पास स्थित किसी साथी तारे की प्रत्यक्ष छवि ली गई है। यह खोज बेटलजझ के हर छह वर्षों में आने वाले नियमित मंद प्रकाश के पीछे का कारण भी स्पष्ट करती है।

अगली बार वैज्ञानिक इस साथी तारे को 2027 में फिर से देखना चाहते हैं, जब यह बेटलजझ से अपनी सबसे दूर की कक्षा में होगा। उस समय इसे और अधिक स्पष्ट रूप से देखना संभव हो सकता है। इस अध्ययन को प्रतिष्ठित द एस्ट्रोफिज़िकल जनरल में प्रकाशित किया गया है और यह रेड सुपरजायंट तारों के रहस्यों को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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