ओलंपिक: भारत का सुनहरा ‘ख्याब’ टूटा, लवलीना ने मुक्केबाजी में जीता ब्रांज

ओलंपिक: भारत का सुनहरा ‘ख्याब’ टूटा, लवलीना ने मुक्केबाजी में जीता ब्रांज
नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक  में भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने (69किग्रा) सेमीफाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन बॉक्सर बुसेनाज सुरमैनेली से हार गई। लवलीन को ओलपिंक में ब्रांज मेडल से ही संतोष करना पड़ा। इसी के साथ भारत का गोल्ड जीतने का सपना टूट गया।
India’s @LovlinaBorgohai goes down to Turkey’s Surmeneli Busenaz in the semifinal of the 69 Kg weight category 0-5 to win a bronze medal at the #Tokyo2020
With this she becomes the third Indian pugilist to win a medal at the Olympics.
Stay tuned for more updates. #Cheer4India pic.twitter.com/Corn5mpFof
— SAIMedia (@Media_SAI) August 4, 2021
 लवलीना भले ही फाइनल में पहुंचने से चूक गईं, बावजूद इसके वह इतिहास रचने में सफल रहीं। वह अब ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं। यही नहीं वह 125 साल के ओलंपिक इतिहास में असम की पहली एथलीट हैं जिन्होंने पदक जीता है।
बता दें कि लवलीना ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पूर्व चैंपियन निएन चिन चेन को 4-1 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। इस जीत के साथ ही भारतीय महिला बॉक्सर ने टोक्यो ओलंपिक में अपना ब्रॉन्ज मेडल भी पक्का कर लिया था। लवलीना ने विश्व चैंपियन बॉक्सर बुसेनाज के खिलाफ पहला राउंड 5-0 से गंवाया और इसके बाद वह मैच में वापसी नहीं कर सकीं। तुर्की की बॉक्सर बुसेनाज ने लवलीना पर पंचों की बारिश की और उनको संभालने का कोई मौका नहीं दिया। लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में मिली जीत के बाद कहा था कि उनका सपना देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है, जो कम से कम इस बार तो अधूरा रह गया है।
टोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लवलीना का पदक पिछले 9 सालों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। इससे पहले साल 2012 लंदन ओलंपिक में स्टार बॉक्सर मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वहीं, पुरुष बॉक्सिंग में विजेंदर सिंह ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था।
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