आखिरी छह गेंद जीतने के लिए चाहिए था 29 रन जो कि असंभव था, पर रिंकू सिंह ने वो कर दिया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। लगातार 5 गेंद पर 5 छक्के लगाकर उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को धमाकेदार जीत दिलाई। हालांकि रिंकू सिंह के पिता क्रिकेट खेलने से मना करते थे। पर आज अपने बेटे की शानदार बल्लेबाजी देख वो काफी खुश है। कोलकाता ने रिंकू को 80 लाख रुपए में खरीदा था। रिंकू आज आईपीएल के सबसे चर्चित स्टार हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब रिंकू सिलेंडर डिलीवर करते थे। तंगी ऐसी थी कि झाड़ू-पोंछा करने की नौबत भी आ गई थी।
2 कमरों के घर में बचपन बिताने वाले रिंकू के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए रिंकू ने सफाई का काम करने का भी सोचा था। हालांकि अंत में उन्होंने सबकुछ छोड़कर अपने खेल पर ध्यान दिया। रिंकू ने पहले यूपी के अंडर16, अंडर 19 और अंडर 23 में खेला। फिर सेंट्रल जोन से खेलते हुए वह रणजी तक पहुंचे। रणजी में कमाल करने वाले रिंकू की किस्मत साल 2017 में खुली जब उन्हें आईपीएल की नीलामी में खरीदा गया। वह 2018 से केकेआर के साथ जुड़े हुए हैं।
साल 2018 में रिंकू सिंह को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपये खर्च कर अपने स्क्वाड का हिस्सा बनाया। जिसके बाद रिंकू की गाड़ी पटरी पर आना शुरु हो गई। लेकिन बाद में उनकी एक छोटी सी गलती के करण बीसीसीआई ने साल 2019 में उनपर तीन महीने का बैन लगा दिया। दरअसल रिंकू बीसीसीआई की प्रमिशन के बगैर अबु धाबी टी-20 लीग खेलने चले गए थे। लेकिन बैन होने के बाद रिंकू ने अपनी मेहनत के बलबूते ज़ोरदार वापसी की और नतीजा सबके सामने है।
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