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Wednesday, January 29, 2025
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गणतंत्र दिवस परेड 2025: DURGA-2 और PRALAY मिसाइल से जलवा बिखेरेगा DRDO

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इस साल 76 वे गणतंत्र दिवस पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ‘रक्षा कवच’ थीम के साथ झांकी लेकर उतरेगा। वहीं DRDO ने इस झांकी में भारत का घातक लेज़र हथियार DURGA-2 और कम दुरी की बैलेस्टिक मिसाइल (surface-to-surface) को शामिल किया है।

DRDO की स्पेशल लैब CHESS (center for high energy system and science) ने DURGA-2 पर कई वर्षों से संशोधन कर इसे निर्मीत किया है। DURGA-2 की विशेषताओं की बात करें तो यह सामने से आने वाले शत्रु के हवाई हमलों को किफायती खर्चे में विफल करने के काम आएगा। DURGA-2 में 25Kw बिजली क्षमता के लेजर लगे हुए है, जो 5 km तक दुरी पर सामने से आने वाले लक्ष्य को भेद सकतें है। यह सामने से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को भी ध्वस्त करने की सहूलियत देता है। वहीं DRDO इसकी दुरी को और भी बढ़ाकर 100 km तक ले जाना चाहता है। DRDO के अनुसार, DURGA-2 से सामने से आने वाली किसी भी मिसाइल को मात्र $3.5 (300-350 भारतीय रुपए) में नष्ट किया जा सकता है।

वायु रक्षा प्रणाली पर खर्चों का अंदाजा आप बस इसी बात से लगा सकते है की ईरान को इस्रायल पर हमले करने के लिए एक बैलिस्टिक मिसाइल पर $1,00,000 खर्च किए थे, वहीं दुनिया की सबसे सफल मानी गई वायु रक्षा प्रणाली Iron-Dome का इस्तेमाल कर इस्रायल को ईरान से 5 गुना खर्चे उठाने पड़े थे। अमेरिका की बात करें तो एक मिसाइल को नष्ट करने के लिए उन्हें 16 करोड़ रुपए खर्चने पड़ते है।

DURGA-2 की तरह अमेरिका के पास भी HELIOS बनाया गया है, जो 60Kw क्षमता वाले लेजर बीम इस्तेमाल कटा है। वहीं अमेरिका ने इस्रायल से आयरन बीम लेजर शस्त्र बनवाने के लिए 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए है।  सबसे एडवांस लेजर बीम हथियार की बात करें तो ब्रिटेन के पास DragonFire बना हुआ है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए $13 के करीब खर्चा आता है। अगर DragonFire की क्षमता की बात करें तो यह 1km दूर रखें सिक्के को भी अचूक भेद सकता है।

DRDO 25 जनवरी की झांकी में अन्य दस विशेष सुरक्षा प्रणालियों को प्रदर्शन करने वाला है। हालांकि झांकी में सभी की नजरें PRALAY और DURGA-2 पर टिकी होंगी। DRDO की ओर से झांकी में शामिल होने वाली अन्य विशेष सुरक्षा प्रणाली:

  1. Quick Reaction Surface to Air Missile
  2. Airborn, Early Warning and Control System.
  3. Drone, Detect,Detor and Distroy System.
  4. Satellite-Based Surveillance System.
  5. Medium Power Radar ‘Arudha’
  6. Electronic Warfare System ‘Dharashakti’
  7. Advance lightweight Torpedo.
  8. Very Short Range Air Defence System.
  9. Indigeneous Unmanned Ariel System.

25 जनवरी की झांकी में DRDO की तरफ से कुछ विशेष उपलब्धियों पर पोस्टर्स भी लगाए जाएंगे।

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