देश की समृद्धि का मूलमंत्र है हिंदी

देश की समृद्धि का मूलमंत्र है हिंदी | हिंदी दिवस | Hindi Day | 14 September | Ram Naresh Singh |

हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा … ये पंक्तियां प्रसिद्ध साहित्यकार अल्लामा इक़बाल की उर्दू में लिखी गई ख्यातनाम गज़ल “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” की है जो आजादी के समर के दौरान लिखी गई थी। 14 सितंबर को देश प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाता है| हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते हिंदी विभिन्न भाषाओं के उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा होने की भूमिका निभा रही है। हिंदी जन-आंदोलनों की भी भाषा रही है। Hindi Hai Hum, Watan Hai Hindostan Hamara… These lines are from the famous ghazal “Saare Jahan Se Achcha Hindostan Hamara” written in Urdu by famous litterateur Allama Iqbal, which was written during the war of independence. The country celebrates 14 September every year as Hindi Diwas. #hindiday #india #worldhindiday

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