भारत के राष्ट्रपति का चुनाव लोकतंत्र की अनोखी कवायद है। राष्ट्रपति का चुनाव पेचीदा राजनीतिक गुणा गणित से तय होता है। हालांकि अब राष्ट्रपति का चुनाव किसी बड़ी राजनीतिक प्रक्रिया के समान होता जा रहा है। फिर भी, देश का राष्ट्रपति सार्वभौम मताधिकार प्रणाली से नहीं, बल्कि एक निश्चित निर्वाचक मंडल के जरिए चुना जाता है। मतों का मूल्य 1971 की जनगणना की आबादी के आंकड़ों के आधार पर निकाला जाता है। इसके मुताबिक संसद के 776 निर्वाचित संसद सदस्य जिसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 233 सदस्य शामिल हैं और राज्य विधानसभाओं के 4120 विधायकों के साथ यानी कुल 4896 निर्वाचक,राष्ट्रपति के लिए मत डालते हैं। #draupadimurmu #bjp #presidentelection2022