कुछ समय से जिस तरह कांग्रेस, अकाली दल, सपा और शिवसेना के परिवारवाद की सियासी जमीन पैरों तलों से खिसकी है। ऐसे में साफ़ हो गया है कि आने वाले समय में परिवारवाद की राजनीति के अब गिने चुने दिन ही बचे हैं।शिवसेना नेताओं का उद्धव ठाकरे को चैलेंज देना और यूपी में आजमगढ़ तथा रामपुर में सपा का उपचुनाव हारना इस ओर संकेत कर रहे हैं।