हमारे ऋषि-मुनियों और मनीषीयों ने अपने अनुभवों व खोजों को लेकर वे सदैव सचेत रहते थे| इसलिए उनके द्वारा वेदों, उपनिषदों और पुराणों में जीवन के प्रत्येक आयाम को लिपिबद्ध किया गया, जिसका अनुसरण कर मानव अपनी उन्नति के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है| यही नहीं इनके द्वारा छोटे-छोटे ग्रंथों की रचना की गयी, जिसमें एक महत्वपूर्ण व मानष दृष्टिपटल पर अमिट छाप छोड़ने वाला एक स्त्रोत में कहा गया है- तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृत गमय की प्रार्थना की है, जिसका भाष्य इस प्रकार है- हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढे, परेशानियों से अमृत की ओर बढे, अमृत और अमरत्व का मार्ग ज्ञान के वगैर प्रशस्त व प्रकाशित नहीं हो सकता है| #India #independence #mahotsav #azadi #75yearsofindianindependence