मुंबई। कमजोर पड़ रहे कोरोना के बीच देश में एक नई बीमारी ने दस्तक दी है. अभी कोरोना का संकट पूरी तरह टला भी नहीं है और ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। वर्तमान में ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नामक बीमारी ने लगभग दस राज्यों में अपना पैर पसार चुकी है। यह बीमारी इतनी गंभीर है कि इससे पीड़ित मरीज को सीधे आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है. म्यूकर माइकोसिस कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को अपना शिकार बना रही है और उस मरीज की आँखों की रोशनी छीन ले रही है.
विशेषज्ञों के अनुसार साइनस की परेशानी, नाक का बंद हो जाना, दांतों का अचानक टूटना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, नाक से काले रंग का पानी निकलना या खून बहना, आंखों में सूजन, धुंधलापन आदि इस बीमारी के लक्षण है.हालांकि अभी तक जितने भी मरीज मिले हैं वे कोरोना से ठीक हुए है।
म्यूकर माइक्रोसिस- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार म्यूकर माइक्रोसिस इंफेक्शन है, जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। यह इंफेक्शन नाक, आंख, दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी हो सकता है। इस बीमारी में कई बार आंखों की रोशनी चली जाती है। कुछ मामलों में तो जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाते हैं। कोरोना के मरीजों पर इस बीमारी का ज्यादा असर होता है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण- इस बीमारी के शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित करते है जैसे। नाक दर्द, खून आना, नाक बंद जाना, नाक सूजन जाना, जबड़े में दर्द, आंखों के सामने धुंधलापन आना ,बुखार होना, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत खून की उल्टियां होना आदि हो सकते हैं। हालांकि इससे बचने के लिए किसी निर्माणाधीन इलाके में मास्क पहनकर जाएं, फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व ग्लब्स पहनें, ब्लड ,ग्लूकोज स्तर को जांच करते और करते रहें।
इन राज्यों में ब्लैक फंगस ने फैलाया पैर
महाराष्ट्र- महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि राज्य में दो हजार से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। राज्य सरकार इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है.इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को ब्लैक फंगस के उपचार केंद्र के रूप में उपयोग करने का निर्णय लिया है। बता दें कि बुधवार को ठाणे में ब्लैक फंगस से दो मरीजों की मौत हो गई।
गुजरात- गुजरात सरकार ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड बनाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने इस बीमारी के इलाज के लिए दवा की 5,000 शीशियों की खरीदी की है। गुजरात में ब्लैक फंगस के अब तक 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में तीन मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस पाया गया है. इनका इलाज केजीएमयू के मेडिसिन डिपार्टमेंट में जारी है. इससे पहले मेरठ में म्यूकरमाइकोसिस के दो मरीज मिले थे.दोनों का इलाज मेरठ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है.मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय में बीते चार दिन में तीन मरीज इलाज के लिए आये हैं, चित्रकूट में भी एक व्यक्ति को इस बीमारी के दिखाई दिए हैं, जबकि प्रयागराज में भी ब्लैक फंगस के एक मरीज को इलाज के लिए लखनऊ ले जाया गया है
राजस्थान – जयपुर में ब्लैक फंगस के 14 मामले सामने आए हैं। इनमें दो रांची, चार राजस्थान, पांच यूपी और अन्य दिल्ली-एनसीआर के मरीज जयपुर में इलाज करा रहे हैं। इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है।
ओडिशा – राज्य में 71 वर्षीय मधुमेह के मरीज में ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है।बताया जा रहा है कि यह मरीज जाजपुर जिले का रहने वाला है।
मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश में भी ब्लैक फंगस का प्रकोप देखा जा रहा है.यहां यह बीमारी दो लोगों की जान ले चुकी है। जबकि राज्य में इसके 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। राज्य सरकार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए अमेरिकी डॉक्टरों से परामर्श ले रही है।
तेलंगाना – हैदराबाद में ब्लैक फंगस के लगभग 60 लोग पीड़ित हैं। इनमें से लगभग 50 मामले एक महीने के अंदर जुबली हिल्स के अपोलो हॉस्पिटल में जबकि अन्य पांच-पांच मामले कंटीनेंटल हॉस्पिटल और एस्टर प्राइम हॉस्पिटल में सामने आए हैं ।
कर्नाटक – पिछले दो हफ्तों से यहां पर ब्लैक फंगस के 38 मामले आए हैं। इससे पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में एक विशेष इकाई बनाई गई है।