नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से देश परेशान है। दूसरी लहर में क्या आम क्या खास, कोई भी इसके कहर से बच नहीं पाया है. भारत के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमणा ने गुरुवार को एक ऐप लांच के दौरान कहा कि देशभर में जजों और न्यायिक अधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद अपने काम के प्रति लगन से जुटे हुए हैं।
सीजेआई रमणा ने कहा कि कोरोना हर किसी को प्रभावित किया है. उन्होंने बताया कि अब तक हाईकोर्ट के 106 जज कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. जबकि पिछले एक साल में सुप्रीम कोर्ट के 10 जज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट पिछले कुछ समय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सुनवाई कर रही है.उन्होंने कहा कि अभी तक कम से कम 2,768 से ज्यादा न्यायिक अधिकारी देशभर में वायरस के प्रभाव में आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस कोरोना काल में 3 हाईकोर्ट के जज और 34 न्यायिक अधिकारियों ने अपनी जान गंवाई है, उन्होंने बताया, “सुप्रीम कोर्ट में संक्रमण का पहला मामला 27 अप्रैल 2020 को आया था. इसके बाद अब तक सुप्रीम कोर्ट के 800 स्टाफ संक्रमित हुए हैं. 6 सीनियर रजिस्ट्री स्टाफ भी पॉजिटिव हुए और 10 अतिरिक्त रजिस्ट्रार भी संक्रमित हुए. दुर्भाग्य से हमने अपने 3 अधिकारियों को खो भी दिया.”बता दें कि देश के हाईकोर्ट में कुल 660 जजों की क्षमता है. यानी 15 फीसदी से ज्यादा जज कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. वर्चुअल सुनवाई से मीडियाकर्मियों को जोड़ने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने के दौरान सीजेआई ने कहा कि कोविड ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि हम अपने परिवार के सदस्यों से अपने घर (कोर्ट) में मिलने में अयोग्य हैं. कोर्ट को वर्चुअल प्लैटफॉर्म पर लाना बहुत मुश्किल प्रक्रिया है.