कोलकाता। Narada Sting Case में CBI ममता की सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। इसका विरोध करते हुए ममता कोलकाता के सीबीआई आफिस पहुंच गईं। नारदा घोटाला तकरीबन पांच साल पुराना है। इस स्कैम का साया पांच साल पहले भी बंगाल के विधानसभा चुनावों पर पड़ा था, लगता है कि सीबीआई इस पर सक्रिय हो गई है, बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुए थे।
इन स्टिंग्स में टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपये लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। तभी स्टिंग में ही फिरहाद हाशमी सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी का नाम सामने आया था, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इसे राजनीतिक साज़िश करार देती रही हैं,उनका आरोप है कि इस स्टिंग वीडियो को भाजपा के दफ्तर से जारी किया गया था।
मार्च 2016 में बंगाल में पिछले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नारद न्यूज़ के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी कर बंगाल की राजनीति में हलचल मचाई थी,इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी को काम कराने के एवज़ में मोटी रकम देते नज़र आ रहे थे। तृणमूल ने बहुत कोशिश की कि ये मामला सीबीआई तक नहीं पहुंचे और इसे बीजेपी की साजिश माना जाए पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख उनके खिलाफ गया।
हालांकि इस वीडियो में नजर आने वाले तृणमूल के कई नेता अब बीजेपी में चले गए हैं। वैसे ममता सरकार ने वीडियो को फ़र्ज़ी और पूरे मामले को साज़िश करार देते हुए मैथ्यू के ख़िलाफ़ भी आपराधिक मामला दर्ज कर उनको पूछताछ के लिए समन भेजा था, कोलकाता हाईकोर्ट से मैथ्यू को राहत मिली, फोरेंसिक जांच में वीडियो को सही पाया गया था. ये मामला फिर ऐसे समय सामने आया है पर साफ दिखता है कि सीबीआई ने जिस तरह मौजूदा गिरफ्तारियां की हैं, उससे ये मामला तूल पकड़ने वाला है।
पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के खिलाफ सीबीआइ की कार्रवाई से बौखलायीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 17 मई की सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के कार्यालय निजाम पैलेस पहुंचीं। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यहां सीबीआइ के डीआइजी से मुलाकात की और कहा कि उन्हें (ममता को) भी गिरफ्तार किया जाये। टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी पर पूरे बंगाल में हंगामा मचा है.एक घंटे से ज्यादा हो गये, ममता बनर्जी निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ के कार्यालय में डटी हुई हैं. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वह सीबीआइ ऑफिस से बाहर नहीं जायेंगी।