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Saturday, December 27, 2025
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UP: सपा में आजम खां को लेकर घमासान, दो नेता आमने-सामने भिड़े!

पूर्व सांसद के बयान पर रुचि वीरा ने सवाल उठाते हुए एहसान फरामोश जैसे शब्द के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।​ 

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समाजवादी पार्टी में पूर्व सांसद आजम खां पर रार हो रही है। जुबानी वार पर पलटवार हो रहे हैं। सपा सांसद रुचि वीरा और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन आमने-सामने आ गए हैं। दोनों नेताओं के बीच खींचतान बढ़ गई है।​ 
बता दें कि सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां से मिलने के बाद उनकी पत्नी तजीन फात्मा के बयान पर अब पार्टी में रार बढ़ गई है। मुरादाबाद में सपा सांसद रुचि वीरा और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन आमने-सामने आ गए हैं। ​ 
 

पूर्व सांसद के बयान पर रुचि वीरा ने सवाल उठाते हुए एहसान फरामोश जैसे शब्द के इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। वहीं डॉ. एसटी हसन ने कहा कि उनके बयान का गलत ढंग से सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं। फिलहाल दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव के समय आई तल्खी और बढ़ गई है।

करीब चार दिन पहले तजीन फात्मा सीतापुर जेल में बंद पति आजम खां से मिलने गई थीं। बाहर आने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब अल्लाह से उम्मीद है। इसके बाद इस बयान के सियासी मायने निकाले जाने लगे।

उनका बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। इसे आजम परिवार के पहले के बयानों से भी जोड़कर देखा जाने लगा। वहीं ​दूसरी ओर हरदोई जेल से छूटने के बाद पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम ने अपने को रामपुर तक ही सीमित रखा है। वह किसी तरह के बयान देने से बचते रहे हैं।

दूसरी ओर आजम परिवार की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद से बढ़ती नजदीकियों की खूब चर्चाएं हैं। सियासी गलियारों में इसे दलित-मुस्लिम गठजोड़ के रूप में देखना शुरू कर दिया गया है। इनके सबके बीच तजीन फात्मा के बयान को लेकर सांसद रुचि वीरा और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन की बयानबाजी ने मुरादाबाद की सियासत गरमा दी है।

पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन द्वारा आजम खां को लेकर दिए गए बयान पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत में सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा कि आजम खां पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने रामपुर में यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया। इसके अलावा विकास के अन्य कार्य किए, जिसको जनता याद करती है। जेल में बंद आजम खां से मिलने के बाद उनकी पत्नी तजीन फात्मा ने पत्रकारों को बयान दिया कि अब अल्लाह से उम्मीद है।

सांसद का आरोप है कि तजीन फात्मा के बयान को लेकर पूर्व सांसद ने एहसान फरामोश शब्द का इस्तेमाल किया है। पूर्व सांसद का बयान व्यक्तिगत हो सकता है। इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। मुलायम सिंह और आजम खां के परिवारों के बीच किसी तरह का मनमुटाव नहीं है। दोनों परिवारों के रिश्तों को लेकर अंगुली उठाने की जरूरत नहीं है।

मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन का कहना है कि आजम खां उनके सम्मानित नेता हैं। उनके पीछे प्रदेश की सरकार पड़ी है। झूठे मुकदमे लादकर जेल में डाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनके लिए बहुत कुछ किया है। इस बात को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। अखिलेश यादव उनके लिए आदर्श हैं। लोकसभा का टिकट कटने के बाद उनसे (आजम खां) मिलने का दिल नहीं करता है।

सभी लोग जानते हैं कि किन कारणों से उनका टिकट काटा गया था। अल्लाह सभी की मदद करता है। पार्टी ने आजम खां की मदद की है। पार्टी का उनको शुक्रगुजार होना चाहिए। थैंक लेस नहीं होना चाहिए। इसी शब्द का गलत ढंग से सियासी मतलब निकाला जा रहा है। दोनों नेताओं के बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए हैं।

लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव और आजम खां आमने सामने आ गए थे। आजम खां ने अखिलेश यादव को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही मुरादाबाद सीट से बिजनौर की पूर्व विधायक रुचिवीरा को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी।

अखिलेश यादव ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद आजम खां के समर्थकों ने रामपुर में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया था। इस खींचतान के बीच अखिलेश यादव ने आजम की पसंद को दरकिनार कर मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को रामपुर और डॉ. एसटी हसन को मुरादाबाद प्रत्याशी बना दिया था।

हालांकि, सियासी तकरार बढ़ने पर नामांकन के बावजूद अखिलेश यादव ने डॉ. एसटी हसन का टिकट काटकर रुचिवीरा को सिंबल थमा दिया था। इससे आजम खां को बैलेंस करने की कोशिश की थी।

चंद्रशेखर ने जेल में आजम से मुलाकात कर सपा को चौंका दिया था​ लोकसभा चुनाव 2024 में एक सीट जीतने वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का यूपी उपचुनाव में भी बसपा से बेहतर प्रदर्शन रहा। दलित-मुस्लिम गठजोड़ उनकी जीत की वजह बनी।

इसके मद्देनजर उपचुनाव के बीच ही चंद्रशेखर आजाद ने 11 नवंबर 2024 को हरदोई जेल में बंद आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम से मुलाकात कर सभी को चौंका दिया था। बाद में वह आजम की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बड़े बेटे से मिलने रामपुर पहुंच गए थे। यही नहीं, चंद्रशेखर सीतापुर जेल पहुंच गए थे, जहां आजम से उनकी एक घंटे बातचीत हुई थी। इससे सपा भी चकित थी।

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