पुरी में रविवार को हुई भगदड़ के एक दिन बाद सोमवार को हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्री गुंडिचा मंदिर के पास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पुलिस अधिकारी सौरेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि मंदिर के सामने बैरिकेडिंग लगाई गई है और सुचारू रूप से दर्शन के लिए अलग-अलग कतारें बनाई गई हैं।
सोमवार रात मंदिर में ‘पहुड़ा’ यानी भगवान के विश्राम का समय नहीं हुआ, क्योंकि कई जरूरी धार्मिक अनुष्ठान निर्धारित थे। मंगलवार सुबह 7:40 बजे ‘मंगल आरती’ हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने बिना किसी परेशानी के हिस्सा लिया। भगवान जगन्नाथ को करीब 20 दिनों बाद पकाया हुआ प्रसाद ‘आदापा मंडप प्रसाद’ अर्पित किया गया। मान्यता है कि ‘आदापा मंडप’ पर विराजे भगवान के दर्शन करने से सारे पाप मिट जाते हैं।
पुलिस प्रशासन ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में बिना किसी अवरोध के दर्शन की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना के बाद बड़े स्तर पर प्रशासन में बदलाव किए हैं ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मंगलवार को भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। नई नियुक्ति के तहत पुरी के जिलाधिकारी चंचल राणा और एसपी पिनाक मिश्रा ने भी जिम्मेदारी संभाल ली है। दोनों अधिकारी मौके पर रहकर लगातार व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। रथ यात्रा 27 जून से शुरू हुई है और 8 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान ‘आदापा बीजे’, ‘बहुड़ा यात्रा’ और ‘सुनाबेशा’ जैसे प्रमुख अनुष्ठान होंगे।
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा 5 जुलाई तक श्री गुंडिचा मंदिर में विराजमान रहेंगे। इसके बाद बहुड़ा यात्रा के साथ वे वापस अपने मुख्य मंदिर लौटेंगे। हालांकि रविवार की भगदड़ की घटना ने पूरे प्रशासन को सतर्क कर दिया है, ताकि आगे कोई अप्रिय स्थिति न बने।
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