वायरस रूप बदलने में माहिर
पीएम मोदी ने कहा, “पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है. महामारी से निपटने के हमारे तौर-तरीकों में लगातार बदलाव, लगातार इनोवेशन की जरूरत है. ये वायरस म्यूटेशन में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीतियां भी बदलती रहनी चाहिए.” पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूप बदलने की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है, इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा, “जिलों में युवाओं, बच्चों में वायरस के संक्रमण और इसकी गंभीरता से संबंधित आंकड़ों को इकट्ठा करें.” उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की वैक्सीन की सूचना उपलब्ध करा रहा है.
वैक्सीन की बर्बादी रोकें
उन्होंने आगे कहा, “जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है. गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी जरूरी सप्लाई हो, कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी जरूरी है.” इसके अलावा एक बार फिर उन्होंने वैक्सीन की बर्बादी को रोकने की अपील की. उन्होंने कहा, “एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना. इसलिए वैक्सीन की बर्बादी को रोकना जरूरी है.”
बता दें कि प्रधानमंत्री ने गुरुवार को छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के जिलाधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से चर्चा की.
ममता बनर्जी भड़कीं
बैठक बाद ममता बनर्जी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्रियों को बैठक में इन्वाइट करने के बाद भी उन्होंने न तो हमसे बातचीत की और न ही हमें बोलने दिया। उन्होंने आगे कहा कि कुछ भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने दिया गया और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक छोटा सा भाषण दिया और बैठक समाप्त हो गई। यह एक तरह की कैजुएल मीटिंग थी।