उन्होंने बताया कि सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर में टीआरएफ के तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने में सैन्य बलों ने कामयाबी हासिल की है। यह वही टीआरएफ है जिनके आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम इलाके में 26 मासूम और निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की थी। उन्होंने इसके लिए भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों को सदन के माध्यम से बधाई दी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकी ठिकानों को तबाह करना था। यह साफ संदेश देना था कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस रखता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ वर्तमान से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसका रोल भारत के भविष्य को आकार देने में भी बड़ा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर अभी मात्र विराम लगा है, पूर्ण विराम नहीं हुआ है। कुछ लोगों को लगता है पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं, इसलिए उनसे सिर्फ बातचीत करना छोड़ना नहीं चाहिए। इस कारण हमने अपने न जाने कितने नागरिकों को खो दिया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा विजन है कि हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। रक्षा मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज नागपंचमी है और इस दिन नागों को दूध पिलाना तो ठीक है लेकिन रोज-रोज ऐसा करना सही नहीं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या राष्ट्र अपने चरित्र के अनुसार किसी भी मुद्दे पर प्रतिक्रिया करता है। लेकिन उसकी जो प्रतिक्रिया होती है, वह भी आगे चलकर कहीं न कहीं उसके चरित्र को प्रभावित करती है। इसलिए कोई भी बड़ा कदम उठाते समय वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे क्रांतिकारियों ने यह दिखाया कि हम भीरू नहीं हैं, हम कायर नहीं हैं, बल्कि हम अपने आत्मसम्मान के लिए, अपनी सुरक्षा के लिए लड़ना जानते हैं। यह हमारे इतिहास का एक कटु सत्य है कि लगभग 800 वर्षों की गुलामी के बाद यह माना जाने लगा था कि हिंदुस्तान की जनता स्वभाव से आक्रामक नहीं है, बल्कि बेहद शांतिप्रिय है। हमारे बारे में ऐसी आम धारणा लंबे समय तक रही। आप सोचिए एक राष्ट्र के चरित्र के लिए यह कितना अपमानजनक था।
उन्होंने कहा, “मैं डिस्कवरी के बजाए री डिस्कवरी शब्द का प्रयोग यहां पर इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि आप पौराणिक काल से देखिए, कि हमारे देवी-देवता चाहे वह भगवती मां दुर्गा हों, चाहे देवाधिदेव महादेव हों, चाहे श्री राम हों या फिर श्री कृष्ण हों, हमारे आराध्य देवों ने हमेशा शस्त्र धारण किया है और अपने शत्रुओं का नाश किया है।
आतंकियों ने भारत को एक सॉफ्ट स्टेट समझ रखा था। उनके लिए भारत पर आतंकवादी हमला करना एक तरह से लॉ कॉस्ट और हाई रिटर्न का मामला बन गया था। दो-चार उनके नौसिखिए रंगरूट आते थे और हमारे नागरिकों को हताहत करके चले जाते थे।
ताजमहल की खूबसूरती देख अवाक रह गईं अनन्या पांडे, बोलीं- वाह ताज!



