मुंबई। ओएनजीसी बार्ज दुर्घटना में ठेकेदार कंपनी अफकांस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की लालज की वजह से 80 लोग मारे गए हैं और 25 लोग अभी भी लापता हैं। ये लोग ठेकेदार कंपनी की ओर से लापरवाही का शिकार है। इस कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि जांच को भटकाने वाला कौन है। अखिल भारतीय नाविक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से मुलाकात की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में विधायक आशीष शेलार ने बताया कि इस हादसे में बार्ज के कैप्टन राकेश बल्लव ने समय रहते बार्ज को न हटा कर कर्मचारियों की जान को खतरे में डाल दिया। दुर्घटना में कर्मचारियों की मौत और घायल होने में मामले में कैप्टन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पर इस हादसे के लिए सिर्फ कप्तान को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
इस दुर्घटना के लिए इस बार्ज की ठेकेदार कंपनी पूरी तरह से जिम्मेदार है। हालांकि कंपनी इससे हादसे से खुद को दूर करने की कोशिश कर रही है, ठेकेदार कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। शेलार ने कहा हमने पुलिस आयुक्त का ध्यान कुछ अहम मुद्दों की तरफ आकर्षित किया है। दुर्घटना होते ही केंद्र सरकार ने जांच की घोषणा की है। हालांकि कांग्रेस और राकांपा के प्रवक्ताओं ने तुरंत प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग कर डाली। क्योंकि कांग्रेस एनसीपी को हर मामले में राजनीति करने का रोग लग चुका है। राज्य सरकार और उसकी पुलिस ठेकेदार एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मालिक शाहपुरजी पालनजी के साथ-साथ निदेशक प्रेम शिवम, अश्विनी कुमार और पै बचाने में जुटी है। इस लिए केवल कैप्टन पर दोष मढ़ा जा रहा है। जबकि कैप्टन खुद अभी तक लापता हैं। इस लिए वे अपना बचाव नहीं कर सकते। उनके खिलाफ केस दर्ज कर राज्य सरकार किस को बचाना चाहती है। शेलार ने कहा कि चूंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं, इसलिए मैं उनसे इस मामले में असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और आने पीड़ितों को न्याय दिलाने का अनुरोध करता हु।
बार्ज दुर्घटना को लेकर उठाये ये सवाल:
ओएनजीसी के नियमों के अनुसार, समुद्र में किसी भी प्रकार का काम करने वाले जहाजों को हर साल 15 मई को पानी से बाहर आना होता है। इसके लिए ठेकेदार कंपनी को 12 मई को कर्मचारियों की वापसी करनी होती है। पर एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 15 जून तक का समय क्यों मांगा
11 मई को, मौसम विभाग द्वारा तूफान की चेतावनी दी गई थी, लेकिन एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं पहुँचाया।
* तूफान का पूर्वाभास मिलते ही ओएनजीसी के अन्य ठेकेदारों ने अपने कर्मचारियों को पानी से बाहर निकाला था। पर इस एक कंपनी ने ऐसा क्यों नहीं किया।
* इस क्षेत्र के लिए अनिवार्य नौसेना सुरक्षा प्रमाणपत्र (एनएससी) को ओएनजीसी ने एफकॉन के लिए एक्सटेंशन नहीं दिया था। फिर भी काम क्यों जारी रखें?
* ठेकेदार कंपनी को काम का ठेका मिलने के बाद भी कंपनी के तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होने का मामला अभी कोर्ट में है। क्या इस घटना की जांच में यह कनेक्शन उपयोगी हो सकता है?
जब प्री-मानसून गतिविधियों को रोकना और समय पर पानी से बाहर निकलना जरूरी था तो कंपनी ने अपना काम क्यों जारी रखा? इस कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। इसलिए इस मामले में कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए और इस मामले में लापरवाही, अवैध काम और गैरजिम्मेदारी को जनता के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
शेलार ने कहा कि इसलिए इस घटना की जांच होनी चाहिए। मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा मिले। यदि कंपनी की गलती पाई जाती है, तो कंपनी का अनुबंध रद्द कर दिया जाना चाहिए और कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए।