28 C
Mumbai
Monday, December 8, 2025
होमन्यूज़ अपडेट$110 बिलियन तक पहुंचेगा भारत का सेमीकंडक्टर बाजार!

$110 बिलियन तक पहुंचेगा भारत का सेमीकंडक्टर बाजार!

Google News Follow

Related

भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2023 के $38 बिलियन से 2030 तक $110 बिलियन तक पहुंचने की राह पर है। यह वृद्धि केंद्र सरकार की रणनीतिक नीतियों, वैश्विक साझेदारियों और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। देश अब एक उपभोक्ता से वैश्विक चिप निर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

सरकारी बयान के अनुसार, इस परिवर्तन को बल देने में ₹76,000 करोड़ के बजट वाली ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ और ‘सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम’ जैसे कदम निर्णायक साबित हो रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका के साथ ‘iCET’ (इनीशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड एमर्जिंग टेक्नोलॉजी) जैसे वैश्विक सहयोगों ने भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक अहम स्थान दिलाया है।

भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक महत्व भी रखता है। यह देश की विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता घटाने और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसी परिप्रेक्ष्य में आगामी ‘सेमिकॉन इंडिया 2025’ सम्मेलन 2 से 4 सितंबर तक नई दिल्ली में आयोजित होगा, जिसमें 18 देशों के प्रतिनिधि, उद्योग विशेषज्ञ, अकादमिक संस्थान और सरकारी अधिकारी भाग लेंगे।

सेमीकंडक्टर निर्माण में भी भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। मई 2025 में, केंद्र सरकार ने HCL और Foxconn की साझेदारी से एक नया सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट मंजूर किया। यह संयंत्र मोबाइल, लैपटॉप, वाहन और पीसी के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स बनाएगा और हर महीने 20,000 वेफर की क्षमता के साथ 3.6 करोड़ चिप्स का उत्पादन करेगा।

इस साल देश की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप के उत्पादन की भी तैयारी है, जबकि पांच फैब्रिकेशन यूनिट्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ये सभी प्रयास भारत को एक पूर्ण और आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र की ओर ले जा रहे हैं।

भारत की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में उसकी तीन प्रमुख ताकतें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। पहली ताकत है उपकरण निर्माण, जहां देश के हजारों MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेमीकंडक्टर निर्माण में प्रयुक्त उपकरणों के आवश्यक पुर्जों का निर्माण कर रहे हैं।

दूसरी ताकत है कच्चा माल, क्योंकि भारत के पास रासायनिक तत्वों, खनिजों और औद्योगिक गैसों के समृद्ध भंडार मौजूद हैं, जो चिप उत्पादन के लिए आवश्यक आधारभूत संसाधन उपलब्ध कराते हैं। तीसरी और सबसे रणनीतिक ताकत है सेवाएं और प्रतिभा, जिसमें भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे उन्नत क्षेत्रों में प्रशिक्षित विशाल मानव संसाधन के साथ दुनिया को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं देने की स्थिति में है। ये तीनों क्षेत्र भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत और आत्मनिर्भर भागीदार बनाते हैं।

सरकार ने भविष्य की मांग को देखते हुए 85,000 इंजीनियरों को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में प्रशिक्षित करने की योजना भी शुरू की है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की सीमित क्षेत्रीय एकाग्रता के कारण उत्पन्न जोखिमों को देखते हुए भारत अब एक विश्वसनीय विकल्प बनकर उभर रहा है। जैसे-जैसे वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक $1 ट्रिलियन की ओर बढ़ रहा है, भारत का योगदान उपभोक्ता के साथ-साथ उत्पादन केंद्र के रूप में भी निर्णायक होगा।

यह भी पढ़ें:

जबड़ा टूटा, रीढ़ की हड्डी टूटी: स्पाइसजेट कर्मियों पर ‘मर्डरस असॉल्ट’ का लगा आरोप!

“अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसी बातें नहीं करते।”: राहुल गांधी पर सर्वोच्च न्यायालय की टिपण्णी !

पाकिस्तान: मूसलाधार बारिश का कहर, 140 बच्चों समेत 299 लोगों की मौत!

अनिल अंबानी समूह से जुड़ी लोन धोखाधड़ी मामले में बैंकरों से पूछताछ की तैयारी में ED!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,704फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें