आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट और स्वस्थ रहना हर किसी की प्राथमिकता बन गया है। लोग दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय योग जैसे प्राकृतिक उपायों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। योग न केवल शारीरिक मजबूती देता है, बल्कि मानसिक सुकून भी प्रदान करता है। इसी क्रम में आयुष मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए पादहस्तासन के लाभ और उससे जुड़ी सावधानियों की जानकारी दी है।
मंत्रालय ने इस आसन की चरणबद्ध विधि को तस्वीरों के जरिए समझाया और कैप्शन में लिखा — “आगे की ओर झुकें, गहराई से खिंचाव करें और उस जादू को महसूस करें। यह आसन आपकी रीढ़ को लचीला बनाता है, पाचन को बेहतर करता है और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से सहारा देता है।”
पादहस्तासन में व्यक्ति सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे आगे झुकता है और हाथों को पैरों तक ले जाकर पकड़ता है। यह क्रिया रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाती है, पोस्चर सुधारती है और कमर दर्द में राहत देती है। इसके साथ ही यह पाचन तंत्र को सक्रिय कर गैस, कब्ज जैसी समस्याओं से बचाव करता है। महिलाओं के लिए यह आसन खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करने में सहायक हो सकता है।
आयुष मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि हृदय रोगियों, गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित लोगों, हर्निया, अल्सर, ग्लूकोमा, मायोपिया या चक्कर आने की समस्या वाले व्यक्तियों को पादहस्तासन से बचना चाहिए। मंत्रालय का संदेश साफ है, योग हमेशा अपनी क्षमता और सुविधा के अनुसार करना चाहिए। ज़रूरत से ज्यादा खिंचाव या दबाव देने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
यह भी पढ़ें:
बिहार SIR: 13,970 निर्वाचकों ने दर्ज कराई आपत्ति, विपक्ष अब भी खामोश!
“सूट-बूट वाला ओसामा बिन लादेन”
लोकसभा स्पीकर ने महाभियोग प्रस्ताव किया स्वीकार, तीन सदस्यीय जांच समिति गठित!



