केंद्र सरकार द्वारा संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत कुल 1.30 लाख नाबालिग ग्राहक पंजीकृत हैं। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पिछले वर्ष सितंबर में शुरू हुई इस योजना में इस वर्ष 3 अगस्त तक 1,30,000 नाबालिग सदस्यों ने अपना पंजीकरण करवाया है।
एनपीएस-वात्सल्य योजना नाबालिगों के लिए एक अंशदायी पेंशन योजना है। पूर्ण पेंशनभोगी समाज के निर्माण के उद्देश्य से यह योजना 18 सितंबर 2024 को शुरू की गई थी।
योजना माता-पिता/अभिभावकों द्वारा अपने नाबालिग अंशदाता के लिए न्यूनतम 1000 रुपए प्रति वर्ष योगदान करने के लिए डिजाइन की गई है, जिसमें अधिकतम अंशदान की कोई सीमा नहीं है। वयस्क होने पर, अंशदाता का खाता आसानी से एनपीएस खाते में परिवर्तित किया जा सकता है।
राज्य मंत्री चौधरी ने कहा, “एनपीएस-वात्सल्य बच्चों के लिए प्रारंभिक बचत को प्रोत्साहित कर और साथ ही रिटायरमेंट की संस्कृति और आदत को बढ़ावा देकर वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।”
एनपीएस वात्सल्य एक अखिल भारतीय योजना है, जो भारत के सभी नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों सहित सभी के लिए उपलब्ध है।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत, धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत माता-पिता या अभिभावक द्वारा किए गए एनपीएस-वात्सल्य अंशदान पर 50,000 रुपए तक की आयकर कटौती इस वर्ष 1 अप्रैल से बढ़ा दी गई है।
यह योजना पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत, बैंक शाखाओं और गैर-बैंक संस्थाओं सहित, पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
राज्य मंत्री ने कहा कि ये पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस पूरे भारत में, सभी भौगोलिक क्षेत्रों में संचालित होते हैं, जिससे व्यापक कवरेज और पहुंच सुनिश्चित होती है।
उन्होंने कहा कि एनपीएस-वात्सल्य खाता एनपीएस ट्रस्ट द्वारा विस्तारित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी खोला जा सकता है, जिससे पहुंच और सुविधा बढ़ जाती है।
पीएफआरडीए देश भर में अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए टीवी, रेडियो, थिएटर, सोशल मीडिया, प्रिंट और आउटडोर अभियानों के माध्यम से योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए मीडिया अभियान भी चलाता है।



