नई दिल्ली। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी की होने वाली बैठक में आज सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के अगले डायरेक्टर का फैसला हो सकता है। इस कमेटी में विपक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार समिति, मोस्ट सीनियर बैचों (1984-87) के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों को अगला सीबीआई चीफ बनाने पर पर विचार कर सकती है।
असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के डायरेक्टर जनरल वाईसी मोदी, सीमा सुरक्षा बल के गुजरात कैडर के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के हरियाणा कैडर के डायरेक्टर जनरल एसएस देसवाल सीबीआई चीफ की दौड़ में सबसे आगे हैं।
मालूम हो कि CBI डायरेक्टर का पद फरवरी से खाली पड़ा हुआ है। यह पद आरके शुक्ला के रिटायरमेंट होने के बाद से ही रिक्त है। उनके रिटायर होने के बाद से सीबीआई के सीनियर मोस्ट एडिशनल डायरेक्टर प्रवीण सिन्हा को सौंपा गया है। अगले सीबीआई डायरेक्टर के नाम की घोषणा तक सीबीआई चीफ का पद प्रवीण सिन्हा संभालते रहेंगे।
1985 बैच के आईपीएस अधिकारियों में उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी, केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा, रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के डीजी एसके जायसवाल भी शामिल हैं। बैठक के दौरान समिति 1984-87 बैचों के कुल 100 से ज्यादा अधिकारियों पर विचार करेगी।
क्या कहता है कानून?
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति, सीबीआई डायरेक्टर का चयन ‘भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की जांच में वरिष्ठता, अखंडता और अनुभव के आधार पर’ चार मोस्ट सीनियर बैचों के आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट से तय करेगी। सीबीआई डायरेक्टर के कार्यकाल अवधि कम से कम दो साल तक होगी।
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति, सीबीआई डायरेक्टर का चयन ‘भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की जांच में वरिष्ठता, अखंडता और अनुभव के आधार पर’ चार मोस्ट सीनियर बैचों के आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट से तय करेगी। सीबीआई डायरेक्टर के कार्यकाल अवधि कम से कम दो साल तक होगी।