नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए डायरेक्टर आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल होंगे। उनका कार्यकाल दो साल तक के लिए होगा। देर रात तक पीएम आवास पर हुई बैठक में यहां निर्णय लिया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना थे।
बैठक लगभग 90 मिनट तक चली। जानकारी के अनुसार बैठक में अधीर चौधरी ने अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जिस तरीके से चयन की प्रक्रिया अपनाई गई वह समिति के अधिदेश से मेल नहीं खाती है। सुबोध कुमार के डायरेक्टर बनने से पहले, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे थे।
बता दें कि जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं और वह पूर्व में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक पद पर रहे हैं। सीबीआई में डायरेक्टर बनने से पहले वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक थे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, सुबोध जायसवाल सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे। सीबीआई डायरेक्टर का पद फरवरी के पहले सप्ताह से खाली है ,जब ऋषि कुमार शुक्ला ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। उनके रिटायर होने के बाद से अपर निदेशक प्रवीण सिन्हा अंतरिम प्रमुख के रूप में जांच एजेंसी का काम देख रहे थे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को सीबीआई के नए डायरेक्टर के चयन के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वी. एस. के. कौमुदी के नाम की सूची तैयार की थी।