28 C
Mumbai
Friday, September 20, 2024
होमदेश दुनियाLucknow: गोमती नदी में गिर रहे पानी में मिलाCORONAVIRUS,जाने कैसे हुआ खुलासा?

Lucknow: गोमती नदी में गिर रहे पानी में मिलाCORONAVIRUS,जाने कैसे हुआ खुलासा?

Google News Follow

Related

लखनऊ। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) व वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ ) द्वारा किये जा रहे शोध में बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ गोमती नदी में गिर रहे खदरा स्थित नाले में कोरोना वायरस मिला है।पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सीवर के पानी की जांच हुई है। जिससे लोगों में दहशत बन गई है। बता दें कि इससे पहले हैदराबाद का हुसैन सागर और शहर की दो अन्य झील भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी।
इसके बाद से यह सवाल उठने लगे है कि क्या देश भर की नदियां संक्रमित हो गई हैं। इसमें गंगा नहीं प्रमुख है क्योंकि इस नदी में सीवर का पानी तो आता ही साथ कुछ समय जब कोरोना पीक पर था तो उनमें कोरोना पीड़ितों के शव फेंके गए। इसके अलावा किनारों पर उनके शवों को दफनाया गया है। एक फिर शंकाओं को बल मिलने लगा है। हालांकि यह तो शोध  के बाद ही पता चलेगा।
इन आशंकाओं के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) व वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ ) ने देशभर के अलग-अलग शहरों से सीवर के पानी का नमूना जुटाकर जांच की जा रही है। पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक देश में कुल आठ सेंटर बनाए गए हैं। इसमें लखनऊ पीजीआई भी शामिल है।
डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक डब्ल्यूएचओ की टीम ने पहले चरण के तहत तीन स्थानों के नालों से सीवर के पानी का नमूना लिया है। इसमें रुपपुर खदरा, घंटाघर और मछली मोहाल के नाले के पानी का नमूना लिया गया। यहां पूरे इलाकों का सीवर एक जगह गिरता है और वह सीधे गोमती नदी में मिलता है।
टीम ने नमूने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में दिए। डॉ. घोषाल के मुताबिक 19 मई को जांच रिपोर्ट आई जिसमें खदरा से लिए गए सीवर के पानी के नमूने में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। घंटाघर और मछली मोहाल के नमूनों में वायरस नहीं मिले हैं। रिपोर्ट तैयार कर आईसीएमआर को भेज दिया गया है। संस्था इसे शासन से साझा करेगी।
चौंका रहे हैं शोध  
लखनऊ में लगभग करीब डेढ़ लाख तक लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक कोरोना संक्रमित तमाम मरीज होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में उनका मल सीवर में आ रहा है। 40 से 50 फीसदी मरीजों के मल में भी वायरस पहुंच जाता है। इसी कारण सीवर में वायरस मिलने का मामला सामने आया है। यह शोध चौंकाने क्योंकि, ऐसे में देश कई नदियां हैं जिसमें सीवर का पानी छोड़ा जाता है।
गंगा पर भी ‘कोरोना संकट’ ! 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,379फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें