अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पाकिस्तान संघर्ष को उनके द्वारा सुलझाने के बार-बार किए गए दावे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ठंडा पानी फेर दिया है। अभी तक ट्रंप तीस बार कह चुके है की उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। इशाक डार ने अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं मानी और हमेशा यह मुद्दा द्विपक्षीय ही रखा।
डार ने कहा,“भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन भारत इसे सख्ती से द्विपक्षीय मामला मानता है।” उन्होंने बताया कि अमेरिका के जरिए एक युद्धविराम का प्रस्ताव जरूर आया था, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि बातचीत केवल द्विपक्षीय रूप से ही होगी।
इशाक डार ने खुलासा किया कि मई में अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच एक सीज़फायर ऑफर पहुंचाया था और सुझाव दिया था कि वार्ता किसी स्वतंत्र स्थान पर हो सकती है। लेकिन जब उन्होंने 25 जुलाई को वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की, तो उन्हें बताया गया कि भारत इसे केवल द्विपक्षीय मसला मानता है।
🚨Big Confession By Pakistan!
Pakistan's Foreign Minister Ishaq Dar says India had denied any 3rd party mediation with Pakistan.
When Pak asked US Secretary of State Marco Rubio about 3rd party mediation with India as Trump claims, Rubio denied saying India says it's "Bilateral… pic.twitter.com/77PvyfbSK1
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) September 16, 2025
यह बयान सीधे तौर पर ट्रंप के दावों को खारिज करता है, जिसमें उन्होंने 10 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत हुए हैं। भारत ने तुरंत इसका खंडन किया था और स्पष्ट किया था कि यह समझौता पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम की गुहार लगाने के बाद हुआ, जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर बड़े हमले किए और सौ से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया।
भारत के विदेश सचिव विक्रांत मिश्री ने उस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था,“पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को कॉल कर 3:35 बजे युद्धविराम का अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि शाम 5 बजे से ज़मीनी, हवाई और समुद्री हमले रोके जाएंगे।” बाद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यह दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। भारत की नीति साफ है कि पाकिस्तान से बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) पर ही होगी।
1971 के शिमला समझौते के बाद से भारत का आधिकारिक रुख यही रहा है कि सभी लंबित मुद्दे केवल द्विपक्षीय रूप से हल होंगे। 2019 में भी ट्रंप ने दावा किया था कि मोदी ने उन्हें कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन भारत ने इसे सिरे से नकार दिया और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद G7 सम्मेलन (बियारित्ज़, फ्रांस) में ट्रंप के सामने यह साफ कर दिया।
हालिया तनाव पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला कर 26 भारतीयों की हत्या करने के बाद चरम पर पहुंचा। इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया और पाकिस्तान व पीओके में आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती शहरों पर हमला किया, मगर भारतीय जवाबी कार्रवाई में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। चार दिन की इस झड़प के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की।
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