भारत सरकार ने हाल ही में इंटीग्रेटेड स्टेट और सिटी लॉजिस्टिक्स प्लान लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य देश की लॉजिस्टिक्स प्रणाली को सस्टेनेबल और अधिक लचीला बनाना है। इस पहल में सरकार ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के साथ साझेदारी की है और आठ शहरों में इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। इन शहरों में लुधियाना, शिमला, जयपुर, इंदौर, पटना, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर और गुवाहाटी शामिल हैं।
इस योजना के तहत मौजूदा लॉजिस्टिक्स अवसंरचना का मूल्यांकन किया जाएगा, बाधाओं की पहचान की जाएगी और सुधार के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। विशेष ध्यान लोकल रिटेलर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की फ्रेट मांगों पर दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत ट्रक टर्मिनल, शहरी सड़कें और लास्ट-माइल डिलीवरी सिस्टम पर सुधार पर जोर दिया जाएगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक तकनीकी सहायता प्रदान करेगा ताकि राज्य स्तर की लॉजिस्टिक्स रणनीतियों को शहरों के फ्रेट नेटवर्क और व्यापक मोबिलिटी लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जा सके। राज्य स्तर पर मुख्य मार्गों से विकास केंद्रों को जोड़ने और शहर स्तर पर शहरी फ्रेट सिस्टम को उन्नत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सप्लाई चेन दक्षता और आपूर्ति स्थिरता बढ़ेगी।
सस्टेनेबिलिटी उपायों में लो- और ज़ीरो-एमिशन वाहनों का उपयोग लास्ट-माइल डिलीवरी के लिए और शोर-प्रदूषण कम करने वाले उपायों को लागू करना शामिल है। इसके अलावा, DPIIT ने ऑटोमेशन और डेटा-आधारित निर्णय लेने के महत्व पर जोर दिया है, जो संचालन में दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और फ्रेट मूवमेंट में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
योजना के निर्माण की प्रक्रिया 6 से 8 महीने तक चलेगी। यदि राज्य और शहर स्तर पर तैयार की गई योजनाएं मंजूर हो जाती हैं, तो सरकार ADB से कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त समर्थन भी मांग सकती है।
यह पहल भारत की लॉजिस्टिक्स प्रणाली को आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल और भविष्य के लिए तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे देश की सप्लाई चेन लचीलापन और स्थिरता मजबूत होगी और आर्थिक गतिविधियों में दक्षता आएगी।
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